पटियाला। रोपड़ स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ टेक्नॉलजी के अनुसंधानकर्ताओं ने अमेरिका के ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर एक ऐसी टेक्नॉलजी विकसित की है जिसमें पेनलेस माइक्रो-नीडल्स बनाया जा रहा है जिसका कॉन्सेप्ट मच्छरों के काटने पर बेस्ड है यानी मच्छर जिस तरह से इंसान को काटते हैं और हमें दर्द भी नहीं होता ठीक उसी तरह इस इंजेक्शन की सुई जब शरीर में जाएगी तो इंसान को दर्द महसूस ही नहीं होगा।
Such an injection of ITI expert will be less pain than mosquito bites
हाल ही में प्रकाशित हुआ रिसर्च पेपर
इस स्टडी में आईआईटी रोपड़ के भारत भूषण और नवीन कुमार ने ओहियो स्टेट डॉक्टोरल स्टूडेंट देव गुरेरा के साथ मिलकर काम किया है और इस स्टडी के रिसर्च पेपर हाल ही में इंटरनैशनल जरनल आॅफ द मेकैनिकल बिहेवियर आॅफ बायोमेडिकल मटीरियल्स में प्रकाशित हुए हैं।
मच्छरों के काटने से आया अनोखा आइडिया
स्टडी के को-आॅथर नवीन कुमार कहते हैं, ‘पेनलेस सुई का आइडिया हमें मच्छरों से आया। यह एक नई तरह की रिसर्च है और यह उन मरीजों के लिए मददगार साबित होगी जिन्हें सुई चुभने से डर लगता है। अब तक हमने सिर्फ एक टेक्नॉलजी विकसित की है लेकिन अब तक इस तरह का कोई डिवाइस नहीं बनाया गया है। भविष्य में हम इस तरह की डिवाइस या सुई बना सकते हैं जो हमारी टेक्नॉलजी पर आधारित होगी या फिर हम किसी और को खोज सकते हैं जो इस तरह की डिवाइस को तैयार करें।’
नहीं होगा दर्द का अहसास
वैसे तो इन पेनलेस नीडल्स की कीमत साधारण नीडल से ज्यादा होगी लेकिन यह बच्चों के साथ ही उन वयस्कों के लिए भी यूजफुल होगी जिन्हें सुई चुभने से डर लगता है। इस स्टडी के अनुसंधानकतार्ओं को यह आइडिया आया कि जिस तरह मच्छर अपने शिकार को काटते वक्त उन्हें दर्द का अहसास नहीं होने देते उसी तरह इस सुई के जरिए भी व्यक्ति को दर्द का अहसास नहीं होगा।
एक माइक्रोनीडल में होंगी 2 सुई
अनुसंधानकतार्ओं की कोशिश यही है कि वे माइक्रोनीडल के अंदर 2 नीडल यानी सुई डालें। एक सुई के जरिए शरीर में तुरंत सुन्न कर देने वाला एजेंट पहुंच जाएगा जबकि दूसरी सुई के जरिए शरीर से खून निकाला जाएगा या फिर दवा को शरीर में इंजेक्ट किया जाएगा।