नई दिल्ली। सूचनाओं की गोपनीयता सुरक्षा को लेकर बनी उच्चस्तरीय जस्टिस श्रीकृष्ण कमिटी ने बच्चों की निजी जानकारियों की सुरक्षा के लिए कड़े प्रावधानों की वकालत की है। कमिटी ने सुझाव दिया है कि सूचनाओं का संग्रह करने वाले लोगों को ऐसे आंकड़ों का जिम्मेदार अभिभावक माना जाए और उन्हें बच्चों के लिए नुकसानदेह हो सकने वाली निजी सूचनाओं के प्रसंस्करण, ट्रैकिंग, लक्षित विज्ञापन देने आदि से रोका जाना चाहिए।
Suggestions for stringent provisions of the Sri Krishna Committee for the protection of children’s personal data
समिति के अनुसार 18 वर्ष से कम उम्र के हर व्यक्ति को सूचनाओं के संग्रहण के संदर्भ में बच्चा माना जाएगा। सूचना संरक्षण विधेयक के प्रस्तावित ड्राफ्ट में समिति ने कहा, ‘जिम्मेदार अभिभावक माने गए व्यक्तियों को बच्चों पर केंद्रित विज्ञापन, उनके व्यवहार की निगरानी, प्रोफाइलिंग या ट्रैकिंग से रोका जाए और उन्हें निजी सूचनाओं के ऐसे प्रसंस्करण से भी रोका जाए जो बच्चों को नुकसान पहुंचा सकते हों।’
समिति ने कहा कि यह नुकसान भौतिक या प्रतिष्ठा की हानि हो सकता है या पहचान का जोखिम भी हो सकता है। समिति ने कहा कि प्रस्तावित भारतीय सूचना संरक्षण प्राधिकरण (डीपीएआई) के पास सूचनाओं के लिए जिम्मेदार ऐसे व्यक्तियों को अधिसूचित करने का अधिकार होना चाहिए जो बच्चों पर केंद्रित व्यावसायिक वेबसाइट या आॅनलाइन सेवाओं का परिचालन करते हों या अभिभावकतुल्य जिम्मेदार व्यक्ति के नाते भारी मात्रा में बच्चों की सूचनाओं का प्रसंस्करण करते हों।
सूचनाओं को रखने वाले जिम्मेदार संस्थानों जिनकी बच्चों से संबंधित जानकारी तक पहुंच होती है, उनके मामले में समिति ने कहा है, ‘समिति का मानना है कि बच्चों से जुड़े आंकड़ों के जिम्मेदार लोगों में वर्तमान में दो श्रेणियां हैं- पहली जो प्राथमिक तौर पर बच्चों को सेवाएं देते हैं- जैसे यू-ट्यूब किड्स ऐप, हॉट वील्स, वॉल्ट डिज्नी आदि। दूसरे सामाजिक मीडिया सविर्सिज जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि हैं।’
समिति ने बच्चों से जुड़ी जानकारी के आंकड़ों की सुरक्षा के लिए कड़े उपायों पर जोर दिया है। समिति ने कहा है कि बच्चों के मामले में इस तरह का अलग उपाय इस बात को लेकर किया गया है कि बच्चे जो कुछ करते हैं उसके परिणाम के बारे में वह पूरी तरह आकलन नहीं कर पाते हैं। इसके साथ ही डिजिटल दुनिया के गैर-पारदर्शी डेटा संग्रह का तरीका और संस्तुति के बारे में जटिल फार्म होना प्रक्रिया को और जटिल बना देते हैं।