नई दिल्ली। कांग्रेस वर्किंग कमिटी द्वारा पार्टी चीफ राहुल गांधी को विपक्ष की तरफ से पीएम पद के लिए चेहरे के तौर पर स्थापित करने की कोशिशों को अन्य दलों का साथ नहीं मिल रहा है। कांग्रेस वर्किंग कमिटी में ऐलान के एक दिन बाद सिर्फ जनता दल (सेक्युलर) ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर स्वीकार किया है।
Support of JDS on Rahul’s PM post, RJD said there are more leaders in the opposition
पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवगौड़ा ने सोमवार को दिल्ली में कहा कि अगर राहुल गांधी संयुक्त विपक्षी मोर्चा की बतौर पीएम उम्मीदवार अगुआई करते हैं तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जेडीएस का पहले ही कर्नाटक में कांग्रेस के साथ गठबंधन है।
दूसरी तरफ आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इशारा किया कि विपक्ष में कई ऐसे नेता हैं, जो प्रधानमंत्री पद की दावेदारी कर सकते हैं। यादव ने कहा, ‘क्या उन्हें (राहुल गांधी) आधिकारिक तौर पर पीएम कैंडिडेट घोषित कर दिया गया है? राहुल गांधी के साथ-साथ ममता बनर्जी, शरद पवार, मायावती- ये सभी प्रधानमंत्री बन सकते हैं। मुझे किसी के भी नाम से कोई आपत्ति नहीं है।’
तेजस्वी ने कहा कि 2019 के चुनावों के लिए सभी विपक्षी नेताओं से बातचीत की जिम्मेदारी राहुल गांधी की है क्योंकि कांग्रेस देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है। ‘पीएम पद के लिए राहुल’ के मुद्दे पर टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने बोलने से इनकार किया। वहीं पार्टी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने दिल्ली में कहा, ‘हम उस मुद्दे पर क्यों टिप्पणी करें जो किसी अन्य पार्टी का अंदरूनी मामला है?’
समाजवादी पार्टी ने भी संकेत दिया है कि राहुल गांधी की विपक्ष की तरफ से पीएम पद की उम्मीदवारी पर उसे आपत्ति है। पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, ‘हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने समय-समय पर स्पष्ट किया है कि विपक्ष की तरफ से पीएम कैंडिडेट कौन होगा, इसका फैसला चुनाव के नतीजों के बाद लिया जाएगा।’ बहुजन समाज पार्टी (इरढ) के एक वरिष्ठ नेता ने नाम जाहिर न किए जाने की शर्त पर बताया कि इस मुद्दे पर कोई भी फैसला पार्टी अध्यक्ष मायावती ही करेंगी।