ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से मतदान कराने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

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नई दिल्ली। पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों और 2019 लोकसभा चुनाव में ईवीएम की जगह बैलेट पेपर के जरिए मतदान कराने को लेकर दायर एक जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दिया। उसने कहा कि हर सिस्टम में गलती की आशंका होती है। एनजीओ न्याय भूमि की तरफ से वकील ए सुभाष राव ने याचिका दायर की थी।
Supreme Court dismisses petition to ballot paper instead of EVM
इसमें कहा गया था कि ईवीएम का दुरुपयोग किया जा सकता है। इसलिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। याचिका में इसकी जगह मतदान की पुरानी व्यवस्था यानी बैलेट पेपर को लाने के लिए कोर्ट से दखल देने की अपील की गई थी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने याचिका खारिज कर दी।

सीजेआई ने कहा, ‘चाहे कोई भी व्यवस्था या मशीन, सबके दुरुपयोग की आशंका होती है। शंकाएं हर जगह मौजूद रहेंगी।’ बेंच के दो अन्य सदस्यों में जस्टिस के एम जोसफ और जस्टिस एम आर शाह शामिल थे। चुनाव आयोग कई बार दावा कर चुका है कि ईवीएम फूल-प्रूफ हैं, लेकिन इसके बावजूद चुनाव के वक्त इसके दुरुपयोग की आशंकाएं सामने आती रही हैं। इस बार भी कई राज्यों में विधानसभा चुनावों से ऐन पहले मामला गरमाया है।

सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले सभी ईवीएम के लिए वोटर वेरिफाएबल ट्रेल्स (वीवीपैट) को अनिवार्य करने का आदेश दिया था। चुनाव आयोग ने आश्वासन दिया है कि 2019 लोकसभा चुनाव में देश के सभी बूथों पर वीवीपैट मशीनें लगेंगी। पिछले एक साल में वोटरों की पेपर ट्रेल जांचने के लिए अतिरिक्त समय दिए जाने की मांग वाली कई याचिकाएं भी कोर्ट में दाखिल की गई हैं।

फिलहाल ईवीएम के जरिये वोट देने के बाद एक अन्य बॉक्स से निकलने वाले पेपर प्रिंट आउट स्लिप से वोटर को अपनी वोट की जांच करने के लिए सिर्फ 7 सेकेंड मिलता है। कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी दलों ने एक याचिका दाखिल कर इस समयसीमा को बढ़ाने की मांग की है, ताकि वोटरों को वोट सही पड़ा है या नहीं, इसकी जांच के लिए ज्यादा समय मिल सके। सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका लंबित है, जिसमें ईवीएम तक वेरिफाइड और आॅथराइज्ड इंजिनियर्स की पहुंच भी रोकने की मांग की गई है।

इसमें कहा गया है कि हाई-लेवल सिक्यॉरिटी क्लीयरेंस के बगैर किसी को ईवीएम तक जाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। इस याचिका पर अभी तक सुनवाई नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि मतदाताओं को पेपर प्रिंट आउट से वोटों के मिलान के लिए अतिरिक्त समय दिए जाने की मांग वाली कांग्रेस की दो याचिकाओं का खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने यह भी मांग की थी कि हर विधानसभा में कम से कम 10 बूथों पर चुनाव आयोग को वीवीपैट से ईवीएम वोटों का मिलान करना चाहिए।