TIO नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए वाणिज्यिक खनन के लिए 41 कोयला खदानों की नीलामी की प्रक्रिया की शुरुआत की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत कोरोना से लड़ेगा भी और आगे भी बढ़ेगा। भारत इस बड़ी आपदा को अवसर में बदलेगा। कोरोना के इस संकट ने भारत को आत्मनिर्भर भारत होने का सबक दिया है।
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत यानि भारत आयात पर अपनी निर्भरता कम करेगा। आत्मनिर्भर भारत यानि भारत आयात पर खर्च होने वाली लाखों करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा बचाएगा। आत्मनिर्भर भारत यानि भारत को आयात न करना पड़े, इसके लिए वो अपने ही देश में साधन और संसाधन विकसित करेगा।
मोदी ने कहा- महीने भर के भीतर ही, हर घोषणा, हर रिफॉर्म्स, चाहे वो कृषि क्षेत्र में हो, चाहे एमएसएमई के सेक्टर में हो या फिर अब कोयला और खनन के सेक्टर में हो, हम तेजी से जमीन पर उतर रहे हैं। यह दिखाता है कि भारत इस संकट को अवसर में बदलने के लिए कितना गंभीर है। आज हम सिर्फ वाणिज्यिक कोयला खनन के लिए नीलामी ही लॉन्च नहीं कर रहे हैं, बल्कि कोयला क्षेत्र को दशकों के लॉकडाउन से भी बाहर निकाल रहे हैं।
2014 के बाद कोल सेक्टर में कई सुधार हुए: मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा- 2014 के बाद हमने कोल सेक्टर में कई सुधार किए। हाल फिलहाल में हमने ऐसे सुधार किए उसकी चर्चा दशकों से चल रही थी। अब भारत ने कोल और माइनिंग के क्षेत्र में कंपिटिशन के लिए, पार्टिसिपेशन के लिए खोलने का फैसला किया है। यह भी ध्यान रखा गया है कि नए प्लेयर्स को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। मिनरल्स और माइनिंग हमारी इकोनॉमी के महत्वपूर्ण पिलर्स हैं। इस फैसले के बाद पूरा कोल सेक्टर आत्मनिर्भर हो जाएगा। अब इस क्षेत्र के लिए बाजार खुल गया है। जिसको जितनी जरूरत होगी खरीदेगा।
जो सुधार हुए उसका असर दूसरे क्षेत्रों पर भी होगा: मोदी
मोदी ने कहा- हमने जो सुधार किए हैं उसका असर दूसरे क्षेत्रों पर भी पड़ेगा। जब कोल उत्पादन बढ़ता है तो फर्टिलाइलजर, सिमेंट और तमाम क्षेत्रों पर सकारात्मक असर पड़ता है। सौभाग्य से हमारे यहां कोल, आयरन और बॉक्साइट के रिजर्व एक दूसरे के काफी नजदीक हैं। ऐसा लगता है कि परमात्मा ने हमारे लिए क्लस्टर्स बनाकर रखे हैं। कोल माइनिंग रिफॉर्म्स के साथ मिनरल के लिए हुए रिफॉर्म्स जुड़ जाने के साथ यह सभी सेक्टर मजबूत हुए हैं।
उन्होंने कहा- कोल सेक्टर के लिए बिडिंग की शुरुआत सभी क्षेत्रों के लिए अच्छा है। इससे नए बिजनेस मिलेगा, नए मार्केट मिलेंगे। राज्य सरकारों को बेहतर रेवेन्यू मिलेगा। देश की एक बड़ी आबादी को रोजगार मिलेगा। देश की सेवा कोयले से भी हो सकती है इसका विश्वास पैदा होगा। हर क्षेत्र पर पॉजिटिव असर होगा। मैं महसूस करता हूं कि इससे देश के गरीब इलाकों और लोगों को आशीर्वाद मिलेगा। इसमें पर्यावरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का ध्यान भी रखा गया है।
मोदी ने कहा- हमारा लक्ष्य है कि 2030 तक करीब 100 मिलियन टन कोयला को गैस में बदला जाए। इसके लिए चार प्रोसेस की पहचान हो चुकी है। इस पर करीब 20 हजार करोड़ रुपए निवेश किए जाएंगे। यह रिफॉर्म्स इस्टर्न और सेंट्रल इंडिया विशेषकर हमारे ट्राइबल एरिया कासे डेवलपमेंट का पिलर बनाने का जरिया है। जहां कोयला है, मिनरल्स है, देश का वो हिस्सा प्रगति और समृद्धि के उस स्तर पर नहीं पहुंच पाया है। ऐसे जिलों के लोग विकास के लिए लालायित हैं। वे कुछ कर गुजरने का मुद्दा रखते हैं। उनके पास शक्ति और सामर्थ्य हैं लेकिन वे पिछड़े हैं।
देश के 16 जिलों में कोयला के बड़े भंडार
उन्होंने कहा- देश के 16 जिले ऐसे हैं जहां पर कोयले के बड़े बड़े भंडार हैं। लेकिन वहां के लोगों को इसका लाभ नहीं मिला। जितना लाभ मिलना चाहिए था। उतना नहीं मिला। ऐसे जिलों के लोग अपने घरों को छोड़कर दूसरे बड़े शहरों के लिए पलायन करते हैं। पूर्वी भारत और मध्य भारत के बड़े इलाके के लोगों को उनके घर के पास रोजगार देने में हमारी ओर से उठाए गए कदम इच्छित परिणाम लाएंगे। हमें इन इलाकों को आत्मनिर्भर बनाना है।
मोदी ने कहा- आज जिन क्षेत्रों के लिए बिडिंग है उससे लाखों रोजगार पैदा होने की संभावना है। कोयला निकालने से लेकर ट्रांसपोर्टेशन के लिए जो इंफ्रास्टक्चर तैयार किए जाएंगे उससे स्थानीय लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। सरकार ने हाल ही में इस तरह की इंफ्रास्टक्चर पर 50 हजार करोड़ रु. खर्च करने का फैसला किया है। कोयल उत्पादन से राज्यों को एक्स्ट्रा रेवेन्यू मिलेगा। इसका इस्तेमाल राज्यों को अपने यहां विकास करने में मदद मिलेगा। इसके साथ ही डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड से भी राज्यों को फायदा होगा। इस फंड से वहां के लोगों के इज ऑफ लिविंग आसान होगी।
उन्होंने कहा- जहां संपदा है वहां रहने वाले लोगों में सपन्नता भी हो इस लक्ष्य को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। आज उठाए जा रहे कदम इस लक्ष्य को पूरा करने में मददगार होंगे। यह निलामी एक ऐसे समय में हो रही है जब भारत में बिजनेस नॉर्मल हो रही है। कोरोना के बाद व्यापार स्थिति सामान्य हो रही है। ऊर्जा खप हो या पेट्रोलियम उत्पादों की मांग है इसमें तेजी आई है। जून में टोल कलेक्शन फरवरी के कलेक्शन का 70% तक पहुंच चुका है। मई में अप्रैल की तुलना में रेलवे रेवेन्यू में 26% की वृद्धि हुई है। टोटल रिटेल रेवेन्यू में भी तेजी हो रही है।
इस साल 11% गेंहू ज्यादा खरीद हुई: मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा- खरीफ क्रॉप का उत्पादन पिछले साल की तुलना में 13% ज्यादा है। इस साल गेंहू की खरीद और उत्पादन दोनों बढ़ा है। पिछले साल की तुलना में इस साल 11% गेंहू ज्यादा खरीद हुई है। यह जितनी भी चीजें हैं यह दिखा रही है कि हम सामान्य हो रहे हैं। हम भारत वासी करोड़ों उपभोक्ता हैं तो यह न भूलें कि हम करोड़ों उत्पादक भी हैं। भारत का विकास निश्चित हैं। हम आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
भारत अपनी मांग मेक इन इंडिया से पूरा कर रहा
उन्होंने कहा- कुछ सप्ताह पहले तक हम एन 95 मास्क, पीपीई किट और दूसरे जरूरी सामान हम बाहर से मंगाते थे, लेकिन अब भारत अपनी मांग को मेक इन इंडिया से पूरा कर रहा है। बहुत जल्द ही हम अहम मेडिकल केयर एक्सपोर्टर भी बनेंगे। आप अपना हौसला बुलंद रखिए हम सब मिलकर इस सपने को पूरा कर सकते हैं। यह 130 करोड़ भारतवासियों का संकल्प है कि हमें आत्मनिर्भर बन सकते हैं।