भोपाल। क्रांतिकारी जैन मुनि तरुण सागर महाराज ने भोपाल में दो बार चातुर्मास किए थे। वे अपने प्रवचन में कहते थे कि उनकी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान भोपाल से ही हुई थी। तरुण सागर पहली बार 1994 में और दूसरी बार 2010 में चातुर्मास करने भोपाल आए थे। महापौर आलोक शर्मा ने उनकी समाधि पर दुख व्यक्त करते हुए घोषणा की है कि भोपाल के सभी विश्राम घाटों एवं प्रमुख स्थानों पर तरुण सागर जी के संदेश लिखे जाएंगे। आज रात्रि 8 बजे भोपाल जवाहर चौक जैन मंदिर पर मुनि श्री के प्रति कृतज्ञता एवं विनयांजलि सभा का आयोजन किया गया है।
Tarun Sagar ji did two in Bhopal; Message will be taken at Barat Ghatas in Chaturmas, Bhopal
तरुण सागर पहली बार मुनि प्रज्ञा सागर के साथ चातुर्मास करने भोपाल आए तब तत्कालिन उच्च शिक्षा मंत्री मुकेश नायक ने चार माह उनसे जुड़े रहे। दूसरी बार 2010 में जब वे चातुर्मास करने आए तब उनका नाम पूरे देश में हो चुका था। दूसरे चातुर्मास की व्यवस्था विधायक जितेन्द्र डागा ने संभाली थी। मुनि तरुण सागर ने भोपाल में दिग बर जैन मुनि संघ सेवा समिति का गठन किया था। जो आज भी संतों की सेवा का कार्य कर रही है। मुनिश्री की समाधि पर जैन समाज के प्रमोद जैन हिमांशु, मनोहरलाल टोंग्या, नरेन्द्र जैन वंदना, विनोद एमपीटी, अमर जैन, नरेन्द्र टोंग्या सहित अनेक लोगों ने उनके प्रति विनयांजलि व्यक्त की है।
महापौर की घोषणा
महापौर आलोक शर्मा ने मुनि तरुण सागर महाराज की समाधि पर उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने भोपाल के सभी विश्राम घाटों पर उनके संदेश लिखने की घोषणा की है। आलोक शर्मा का कहना है कि मुनिश्री के संदेश जीवन जीने की कला हैं। उन्होंने कहा था कि इंसान को अपना जन्म दिन श्मशान घाट पर मनाना चाहिए। इसलिए मैंने उनके संदेश शमशान घाट पर लिखवाने का निर्णय लिया है। शर्मा ने कहा कि तरुण सागर जी ने जैन धर्म को जन-जन का धर्म बना दिया।
विनयांजलि सभा
दिग बर जैन पंचायत कमेटी ट्रस्ट भोपाल ने मुनि तरुण सागर जी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने आज रात आठ बजे जवाहर चौक जैन मंदिर पर विनायांजलि सभा का आयोजन किया है। जिसमें भोपाल के सभी तरूण सागर भक्तों को आमंत्रित किया गया है। ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रमोद जैन हिमांशु का कहना है कि तरुण सागर जी महाराज का भोपाल से काफी गहरा लगाव था और भोपालवासियों पर उनका ऐहसान भी है।