जयपुर। सीमा पर हुए दो अगल- अलग आतंकी हमलों में राज्य के दो लाल शहीद हो गए। अमरनाथ यात्रा के दौरान गश्त कर रहे सीआरपीएफ दस्ते पर आतंकियों ने हमला कर दिया। इस दौरान दोनों ओर से ताबड़तोड़ फायरिंग हुई। जिसमें गोली लगने से सीआरपीएफ के दो जवान शहीद हो गए।
Terror attack on CRPF squad patrolling during Amarnath yatra, two jawans of Rajasthan martyrs
आपको बता दें कि अलवर के बानसूर क्षेत्र के हाजीपुर ग्राम पंचायत स्थित गुजरावाली ढाणी गांव निवासी सीआरपीएफ जवान संदीप यादव सीमा पर तैनात थे। शुक्रवार को वे अनंतनाग जिले के अजावल चौक पर पेट्रोलिंग कर रहे थे। सुबह करीब 11 बजे आतंकियों ने अचानक सीआरपीएफ के इस दस्ते पर हमला कर दिया। इस दौरान दोनों ओर से ताबड़तोड़ फायरिंग हुई। जिसमें जवान संदीप यादव गोली लगने से शहीद हो गए।
शहीद संदीप यादव साल 2011 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। शहीद के घर पर पत्नी और उनके दो बटे हैं। बड़ा बेटा आशीष छह साल का है, छोटा बेटा अक्षत तीन साल का है। पिता बनवारी लाल खेती बाड़ी का काम करते है। मां कृष्णा देवी घरेलू महिला है। शहीद का एक छोटा भाई धनवंत यादव खेती-बाड़ी करता है।जवान के शहीद होने से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। शनिवार को शहीद की पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचने की उम्मीद है।
इससे एक घंटे पहले भी सेना पर हुआ था हमला
कश्मीर के अनन्तनाग में एक ऐसी ही घटना शुक्रवार की सुबह करीब10 बजे हुई। इस दौरान सीआरपीएफ के सेक्शन कमाण्डर मिश्री लाल मीणा भी शामिल थे। गश्त के दौरान अचानक दल पर आतंकियों ने हमला कर दिया। गोली बारी के दौरान मिश्री लाल मीणा के दो गोलियां लगी। जिनमें से एक गरदन पर और दूसरी सीने पर लगी। सीने पर गोली लगने के बाद मीणा शहीद हो गए।
शहीद हुए मिश्री लाल मीणा टोंक के देवली उपखण्ड स्थित ग्राम राजमहल के निवासी थे। वे सीआरपीएफ में एएसआई के पद पर कार्यरत थे। परिवार के चार भाइयों में सबसे होनहार थे। उनके एक पुत्र व दो पुत्रीयां है। बेटा बैंक में कार्यरत है। अपनी बेटियों की शादी कर 8 फरवरी को छुट्टी पूरी कर वापस ड्यूटी पर आए थे। इस बीच परिजन दोबारा घर आने के बाट जोह रहे थे। जवान के शहीद होने के खबर मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई। परिवार में पत्नी के साथ सभी को रो- रोकर बुरा हाल है। वहीं सेना औपचारिकताएं पूरा कर शहीद का शव घर भेजने की तैयारी कर रही है।