तिवारी की हत्या के बाद से ही माहौल गर्माया

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लखनऊ

शुक्रवार को लखनऊ में हिंदू महासभा नेता और हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के बाद से ही माहौल गर्माया हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों की मांग है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनसे आकर मिले। उन्होंने कहा है कि जब तक मुख्यमंत्री नहीं आते तब तक वो कमलेश तिवारी की देह का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। वहीं दूसरी तरफ कमलेश की पत्नी किरण का कहना है कि जब तक हत्यारों को सजा नहीं होगी मुझे शांति नहीं मिलेगी। वो परिवार के अकेले कमाने वाले थे और अब उनके बाद मुझ पर तीन बच्चों की जिम्मेदारी है। किरण ने आत्मदाह तक की धमकी दी है।

कमलेश की हत्या में गुजरात कनेक्शन

कमलेश तिवारी की हत्या का लिंक गुजरात से भी जुड़ रहा है। गुजरात में 25 अक्टूबर 2017 को पकड़े गए आईएस (इस्लामिक स्टेट) मॉडयूल के उबैद मिर्जा और कासिम के मामले में गुजरात एटीएस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट में एटीएस ने उबैद मिर्जा के उस वीडियो की भी बात कही है जिसमें उसने लखनऊ के कमलेश तिवारी की हत्या करने की बात कही है।

कमलेश तिवारी ने एक अंग्रेजी अखबार में इस बारे में छपी खबर पढ़ने के बाद 13 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, एडीजी जोन लखनऊ और एसएसपी को ट्वीट किया था। जिसमें तिवारी ने बड़ी साजिश के बावजूद सुरक्षा बढ़ाने के आवेदन पर कोई निर्णय न लिए जाने पर नाराजगी जताई थी।

कमलेश तिवारी के घर पर मिठाई के जिस डिब्बे में चाकू और पिस्टल को रखकर लाया गया था। उसे 16 अक्टूबर की रात 9ः30 बजे सूरत के उद्योगनगर उधना स्थित धरती फूड प्रोडक्ट प्रा. लि. से खरीदा गया था। डिब्बे में 680 रुपए प्रति किलोग्राम वाली पिस्ता घारी को 530 रुपए देकर 750 ग्राम खरीदा गया था।

सूरत से 16 अक्टूबर की रात 9ः30 बजे मिठाई खरीदने के बाद हत्यारे विमान से लखनऊ आए थे। ऐसा इसलिए क्योंकि सूरत से लखनऊ के लिए 17 अक्टूबर की सुबह तीन बजे केवल एक ही ट्रेन 19037 अवध एक्सप्रेस थी। जो कि टूंडला की नॉन इंटरलाकिंग के डायवर्सन के कारण बदले रूट से शुक्रवार दोपहर तीन बजे पहुंच सकी थी। ऐसे में वह अहमदाबाद जाकर सीधे विमान से लखनऊ आए होंगे। ऐसी संभावना है।