नई दिल्ली। सिंधु नदी पर विवादित डैम प्रॉजेक्ट के लिए फंड जुटाना जब पाकिस्तान के लिए काफी मुश्किल हो गया तो उसने भारत के खिलाफ माहौल पैदा करने की नई चाल चली। राष्ट्रहित की बात कर अब देश में भारत के साथ 1965 में लड़े गए युद्ध की तरह का लोगों में जुनून पैदा करने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सिंधु नदी पर प्रस्तावित इस डैम का भारत कई वर्षों से विरोध कर रहा है। इस वजह से पाकिस्तान को इंटरनैशनल फंडिंग नहीं मिल पा रही है। अब पाकिस्तान की फौज और दूसरे प्रतिष्ठानों ने फंड जुटाने का नया तरीका अपनाया है।
The battle of the 1965 war remained in the Indus River, the fund raising for the dam project.
2016 के उड़ी हमले के बाद दोनों देशों में पानी को लेकर संभावित टकराव अब एक हकीकत बन चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत और पाकिस्तान के बीच पानी के बंटवारे को लेकर हुए समझौतों को लेकर काफी मुखर रहे हैं। उड़ी हमले के बाद सिंधु जल संधि की समीक्षा बैठक में उन्होंने साफ कहा था, ‘खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।’
डैम के लिए पब्लिक फंड बनाया
ऐसे में पाकिस्तान के चीफ जस्टिस साकिब निसार ने इस प्रॉजेक्ट के लिए पब्लिक फंड गठित करने का आदेश दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने इस विवादित बांध के लिए पैसा जुटाने की कोशिश को भारत के साथ 1965 में हुई जंग से जोड़ा। चीफ जस्टिस ने खुद भी इस काम के लिए 10 लाख पाकिस्तानी रुपये दान किए। उन्होंने कहा, ‘1965 की जंग के दौरान जैसा जुनून देखा गया, वैसा ही अब दोबारा इस बांध के निर्माण के लिए होगा।’ आपको बता दें कि ढङ्मङ के गिलगित बाल्टिस्तान इलाके में पाकिस्तान 4500टह का दियामेर-भाषा बांध बनाना चाहता है।
पाक आर्मी चीफ भी सैलरी देंगे
पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने कहा है कि वह इसके लिए अपनी एक महीने की सैलरी दान कर देंगे। पाकिस्तान में भारत के खिलाफ माहौल पैदा करने का ही नतीजा है कि कुछ ही दिनों में धनराशि 5 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। आर्मी और सुप्रीम कोर्ट के कर्मचारी ही नहीं, कई प्रमुख हस्तियों जैसे पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी और कुछ प्राइवेट संस्थानों ने भी डैम के लिए फंड जुटाने में मदद करने का ऐलान किया है।
अफसर दो दिन और जवान एक दिन की सैलरी देंगे
पाकिस्तान के सशस्त्र बलों के अफसर अपनी दो दिन की सैलरी दान कर रहे हैं जबकि जवानों को इस प्रॉजेक्ट के लिए एक दिन की सैलरी डोनेट करना अनिवार्य कर दिया गया है। इस प्रॉजेक्ट को यह कहकर प्रचारित किया जा रहा है कि इससे पाकिस्तान में पानी की गंभीर समस्या दूर हो जाएगी। पाकिस्तान के कई सरकारी संस्थान भी अब मदद के लिए आगे आ रहे हैं। विदेश में बसे पाकिस्तानियों से भी बढ़-चढ़कर मदद करने की अपील की जा रही है। पाकिस्तान के कार्यकारी राष्ट्रपति और हबीब बैंक की ओर से भी मदद की गई है। वैसे, इस डैम के लिए करीब 1.6 ट्रिलियन रुपये की जरूरत है और अभी काफी पैसा जुटाया जाना बाकी है पर पाकिस्तान में भारत के खिलाफ माहौल से इसमें तेजी देखने को मिली है।