भाजपा को पटखनी देने वाली सपाक्स मैदान से हुई गायब, अब भी तलाश रही है गठबंधन

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भोपाल। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो गई और चुनाव में भाजपा को पटखनी देने का दावा करने वाली सपाक्स पार्टी मैदान से गायब है। पार्टी अब तक अपने प्रत्याशियों के नाम भी तय नहीं कर पाई है। वैसे तो चार दिन से प्रत्याशियों की सूची पर मंथन चल रहा है, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए पार्टी प्रत्याशियों से ज्यादा गठबंधन पर फोकस कर रही है। संपूर्ण समाज पार्टी से गठबंधन के बाद पार्टी के नेता कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर की शरण में पहुंच गए हैं।
The BJP, which was brutalizing the BJP, disappeared from the ground, is still exploring the coalition
सपाक्स पार्टी में राजनीतिक अनुभव की कमी साफ नजर आ रही है। पार्टी के रजिस्ट्रेशन के लिए अगस्त में आवेदन करने वाले नेताओं को पता था कि नवंबर में चुनाव चिन्ह मिलना मुमकिन नहीं है। फिर भी सभी विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी और जब पार्टी को प्रत्याशियों का नाम तय कर मैदान में ताल ठोंकना था, तब चुनाव चिन्ह के लिए दूसरी पार्टियों से समझौता कर रही है। सपाक्स आधा दर्जन ऐसी पार्टियों के संपर्क में है, जो पहले से पंजीकृत हैं, लेकिन उनका मप्र में वजूद नहीं है। ऐसे में ये पार्टियां सपाक्स और सपाक्स इन पार्टियों का सहारा बनने जा रही हैं।

प्रत्याशियों को लेकर भी असमंजस
सपाक्स ने सभी 230 सीटों से प्रत्याशी उतारने का दावा किया था, लेकिन वर्तमान में ऐसे हालात नहीं लग रहे हैं। पार्टी के अलग-अलग नेता बतौर प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरने वालों की संख्या अलग-अलग बता रहे हैं। कभी कहा जाता है कि 200 नामों पर मंथन चल रहा है, तो कभी संख्या 50 ही रह जाती है। जिसे देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि पार्टी चुनाव में कितने प्रत्याशियों को उतारेगी।

छिटक रहे दूसरे दलों के नेता
पार्टी ने भाजपा और कांग्रेस के नाराज नेताओं को अपना चेहरा बनाने की कोशिश की थी, लेकिन ऐसा भी नहीं हो पाया। 30 अक्टूबर को राजधानी में महाक्रांति रैली के बाद पार्टी का जिस तरह से ग्राफ गिरा है, सपाक्स को विकल्प के रूप में देखने वाले नेता पीछे हट गए हैं।
वर्तमान में कई नेताओं से संपर्क किया जा रहा है, लेकिन नेता सपाक्स के साथ खड़े होने से परहेज कर रहे हैं। ज्ञात हो कि सपाक्स को भरोसा था कि टिकट न मिलने से दोनों पार्टियों में बागी होने वाले नेता उनकी झोली में आ जाएंगे। पहले कुछ नेता पार्टी के संपर्क में भी थे, लेकिन बाद में हालात बदल गए।

नैया पार लगाने वालों पर दांव
पार्टी अब उन चेहरों को तलाश रही है, जो इस चुनाव में उसकी नैया पार लगा दें। जौनपुर उत्तर प्रदेश की संपूर्ण समाज पार्टी के बाद सपाक्स सर्व समाज कल्याण पार्टी का साथ पाने की फिराक में जुटी है। सपाक्स पार्टी के पदाधिकारी शुक्रवार को उज्जैन में सर्व समाज कल्याण पार्टी के करीबी, अखंड भारत मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर से मिले हैं। पार्टी ने उन्हें परस्पर सहयोग कर चुनाव लड़ने का आमंत्रण दिया है। ज्ञात हो कि दोनों पार्टियों की विचारधारा समान है।

पार्टी का नया नाम भी संभावित
गठबंधन के बाद किसे ज्यादा महत्व दिया जाना चाहिए, इसे लेकर विचार विमर्श चल रहा है। सूत्र बताते हैं कि सपाक्स और संपूर्ण समाज कल्याण पार्टी के गठबंधन का नाम ‘सपाक्स संपूर्ण समाज पार्टी” हो सकता है और पार्टी इसी नाम से संपूर्ण समाज कल्याण पार्टी के चुनाव चिन्ह पर प्रत्याशी उतार सकती है।

प्रत्याशियों की सूची शनिवार को घोषित करेंगे। अभी कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर से मुलाकात हुई है। उन्हें साथ मिलकर चुनाव लड़ने का न्यौता दिया है। उन्होंने भी सहमति जताई है, लेकिन अंतिम निर्णय अभी नहीं हुआ है।
डॉ. हीरालाल त्रिवेदी, अध्यक्ष, सपाक्स पार्टी