नई दिल्ली
महाराष्ट्र में सरकार गठन पर छाए संशय के बादल आज होने वाली कांग्रेस-एनसीपी की बैठक में छंट सकते हैं। माना जा रहा है कि शिवसेना को समर्थन देने की घोषणा पर अंतर्विरोध कांग्रेस और एनसीपी से अलग विचारधारा का होना बताया जा रहा है। आज दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ बैठक करेंगी। इसके बाद ही महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर तस्वीर साफ हो सकेगी। यह बैठक शाम चार बजे प्रस्तावित है जिसमें शामिल होने के लिए शरद पवार दिल्ली पहुंच चुके हैं।
सूत्रों के अनुसार, पवार और सोनिया के बीच बैठक के बाद राज्य में नई सरकार के गठन के बारे में अंतिम मुहर लग सकती है। चर्चा है कि तीनों पार्टियों यानी शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के बीच मंत्रालयों को लेकर न्यूनतम साझा पत्र तैयार हो चुका है।
बैठक के बाद एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन खत्म होना चाहिए और वैकल्पिक सरकार का गठन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बैठक में अगला निर्णय लिया जाएगा।
पृथ्वीराज चव्हाण बोले- हम साथ आ सकते हैं या नहीं, बैठक के बाद होगा तय
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि हम ये समझने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस एक साथ आ सकते हैं या नहीं। चव्हाण ने कहा है कि सोमवार को शिवसेना और कांग्रेस नेताओं की एक बैठक है। इस बैठक में ये तय किया जाएगा कि दोनों पार्टियां एक साथ आगे बढ़ सकती भी हैं या नहीं।
संजय राउत ने भी माना- विचारधारा रोक रही सरकार गठन का रास्ता
शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत कहा कि अलग-अलग विचारधारा की पार्टियों को एक साथ आने में वक्त लग रहा है, इसलिए सरकार बनाने में देरी हो रही है। राज्य में दिसंबर तक सरकार का गठन होगा। दिसंबर में 170 विधायकों के समर्थन से शिवसेना, NCP और कांग्रेस की सरकार बनेगी।