प्रत्याशी घोषित करने में भी कांग्रेस और भाजपा में शह-मात का खेल

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इंदौर । राजनीतिक दल जानते हैं कि इस बार चुनाव में न कोई लहर है और न हवा। जिसने जितने अच्छे उम्मीदवार खड़े किए, मुकाबला उतना ही रोचक होगा। इंदौर जिले में कांग्रेस ने विधानसभा एक, दो, चार, पांच और देपालपुर में टिकट घोषित नहीं किए हैं। दो सीटों पर दावेदार भी ज्यादा हैं, लेकिन कांग्रेस ने तय रणनीति के तहत इन सीटों पर टिकट रोके हैं।
The congress and the BJP play a role in declaring a candidate
भाजपा यहां से किसे टिकट देती है, उसके हिसाब से प्रत्याशी तय होंगे। उधर, जिले की चार सीटों पर कांग्रेस ने पहली सूची में ही प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। इससे भाजपा की राजनीति में भी समीकरण बदल गए हैं। अब भाजपा चारों सीटों पर कांग्रेस के तय प्रत्याशी के हिसाब से टिकट पर अंतिम दौर का मंथन कर रही है।

भाजपा असमंजस में : तय रणनीति के तहत कांग्रेस ने जिले की उन सीटों पर प्रत्याशियों के नाम पहली सूची में जारी कर दिए, जिसे लेकर भाजपा में असमंजस है। राऊ, तीन नंबर विधानसभा और महू में कौन प्रत्याशी होगा, इसे लेकर भाजपा के रणनीतिकार माथापच्ची कर रहे हैं। माना जा रहा है कि राऊ और तीन नंबर में भाजपा दूसरे विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों को चुनाव लड़ा सकती है, ऐसे में उनके परंपरागत विधानसभा क्षेत्र में भाजपा नए चेहरों को मौका देगी।

इसके चलते कांग्रेस ने दो और चार नंबर विधानसभा क्षेत्रों के टिकट होल्ड पर रखे हैं, जबकि यहां टिकट को लेकर ज्यादा दावेदार नहीं हैं। महू से अंतरसिंह दरबार को तीसरी बार मौका देकर कांग्रेस ने भाजपा को मंथन करने के लिए समय दे दिया। यदि यहां से भाजपा कैलाश विजयवर्गीय को रिपीट करती है तो मालवा-निमाड़ की दूसरी सीटों पर वे फोकस नहीं कर सकते हैं। टिकट नहीं देने की स्थिति में नए चेहरे पर सोचने के लिए भाजपा के पास समय होगा।

भाजपा के फॉमूर्ले पर कांग्रेस
टिकट देने में इस बार कांग्रेस भी भाजपा का फॉमूर्ला अपना रही है। इंदौर जिले में कई बार भाजपा ने विधायकों को क्षेत्र बदलकर टिकट दिए हैं। विजयवर्गीय को जिले की तीन सीटों पर लड़ा चुकी है, जबकि उषा ठाकुर को दो विधानसभा क्षेत्रों से लड़वाया। मालवा-निमाड़ की दो सीटों पर भाजपा ने ऐसा प्रयोग किया है और इंदौर जिले की कुछ सीटों पर भी ऐसा हो सकता है। इसी फॉमूर्ले पर कांग्रेस ने कुछ दावेदारों को मनचाही विधानसभा के बजाए दूसरे क्षेत्रों से भी चुनाव लड़ने का आॅफर दिया है। जिले में पांच में दो सीटों को होल्ड रखने की एक वजह यह भी है।