भगोड़े शराब कारोबारी की माल्या की संपत्ति जब्त नहीं कर पाएंगे बैंक, यूके में सारी संपत्तियां हैं फैमिली ट्रस्ट के नाम

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लंदन। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या की इंग्लैंड और वेल्स में संपत्तियां जब्त करने के ब्रिटिश हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब मामले में नया ट्विस्ट आ गया है। दरअसल, कोर्ट ने माल्या के किसी भी घर को जब्त करने की इजाजत नहीं दी है सिर्फ घरों में मौजूद उससे जुड़े सामानों को जब्त करने का आदेश दिया है।
The fugitive liquor businessman will not be able to confiscate Mallya’s property, the bank has all assets in the UK, the name of Family Trust
अब पेच यह है कि माल्या के घर उसके नाम पर रजिस्टर्ड नहीं हैं और फैमिली ट्रस्ट के नाम पर ज्यादातर संपत्तियां होने से भारतीय एजेंसियों के लिए मुश्किल पैदा हो गई है कि वे कर्ज की वसूली कैसे करेंगी। पहले भारतीय एजेंसियों और बैंकों ने राहत की सांस ली थी, पर हकीकत यह है अभी यह मालूम ही नहीं है कि माल्या की यहां वास्तव में कितनी संपत्ति है।

हाई कोर्ट के 8 मई के आदेश के बाद ब्रिटिश एनफोर्समेंट आॅफिसरों द्वारा माल्या की संपत्तियों को जब्त करने का रास्ता साफ हो गया, जिससे 13 भारतीय बैंक अपने कर्ज की वसूली कर सकें। हालांकि माल्या ने पिछले हफ्ते कहा था कि उसके पास कुछ कारों और जेवरात के अलावा ब्रिटेन में कुछ खास संपत्ति नहीं है। उसने कहा था कि उसके टेविन एस्टेट पर उसके बच्चों का मालिकाना हक है और लंदन स्थित उसके घर पर उसकी मां का।

21 अप्रैल 2016 को माल्या ने भारत के सुप्रीम कोर्ट में अपनी विदेशी संपत्तियों के बारे में हलफनामा देकर बताया था उसके पास विदेश में 11.4 करोड़ डॉलर यानी 782 करोड़ रुपये की संपत्ति है। इसमें नकद संपत्ति नहीं है लेकिन 5.25 मिलियन डॉलर यानी 36 करोड़ रुपये के ‘इन्वेस्टमेंट ऐंड कैश इक्विवेलेंट’ शामिल हैं। हालांकि हलफनामे में उसकी अमेरिका में रह रही पत्नी रेखा और उसके बच्चों की संपत्ति शामिल नहीं थी।

माल्या ने फरवरी 2016 में डियाजिओ से मिले 40 मिलियन डॉलर (करीब 275 करोड़ रुपये) अपनी पत्नी रेखा को ट्रांसफर किए थे। अप्रैल में बैंकों ने हाई कोर्ट को बताया था कि माल्या ने दिसंबर 2017 के एक हलफनामे में कहा था कि वह इंग्लैंड की जिन 3 प्रॉपर्टीज में रहता है, उसमें उसका मालिकाना हक नहीं है।

दरअसल, ब्रिटेन स्थित माल्या के तीनों घर कंपनियों के जाल के जरिए उसके फैमिली ट्रस्ट से जुड़े हुए हैं। लंदन स्थित उसका आलीशान घर 18/19 कॉर्नवॉल टेरस की कीमत करीब एक करोड़ पाउंड से ज्यादा है। इस पर मालिकाना हक ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स की कंपनी आरसीवी का है। आरसीवी पर ग्लैडको प्रॉपर्टीज इंक का हक है और ग्लैडको प्रॉपर्टीज इंक की मालिक कॉन्टिनेंटल ऐडमिनिस्ट्रेशन सर्विसेज लिमिटेड नाम की कंपनी की है, जो माल्या के फैमिली ट्रस्ट सिलेटा ट्रस्ट की ट्रस्टी है।

माल्या के टेविन, लेडीवॉक और ब्रैम्बल लॉज, जिनकी अनुमानित कीमत 1.5 करोड़ पाउंड है, भी उसके फैमिली ट्रस्ट से जुड़े हुए हैं। पिछले हफ्ते हाई कोर्ट ने एनफोर्समेंट अफसरों को माल्या के टेविन एस्टेट में घुसने, तलाशी लेने और सामानों को जब्त करने की इजाजत दी थी। हालांकि उसकी अन्य संपत्तियों के मामले में ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि हाई कोर्ट ने माल्या के ब्रिटेन स्थित किसी भी घर को जब्त करने की इजाजत नहीं दी है, सिर्फ घरों में मौजूद माल्या से जुड़े सामानों को जब्त करने की इजाजत है क्योंकि उसके सभी घर उसके नाम पर रजिस्टर्ड नहीं हैं। फैमिली ट्रस्ट के नाम से संपत्तियों के होने का माल्या को फायदा पहुंच सकता है क्योंकि जब तक उसकी संपत्तियां ट्रस्ट के नाम रहेंगी, तब तक उनकी जब्ती बहुत ही मुश्किल होगी।