किसान आंदोलन से मुश्किल में फंसी सरकार, उपद्रवियों से निपटने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

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भोपाल। एक जून से शुरू हो रहा किसान आंदोलन ने प्रदेश सरकार के साथ-साथ मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के लिए भी काफी अहम माना जा रहा है। एक तरफ जहां 6 जून को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंदसौर पहुंच कर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान कर दिया है तो वही दूसरी तरफ प्रदेश सरकार ने भी आंदोलन कारियों से निपटने के पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं।
The government is in trouble with the farmers movement, the security arrangements for the security of the miscreants
किसान आंदोलन को दबाने के लिए प्रदेश सरकार ने करीब 15सौ किसानों को नोटिस जारी करके बांड भरवाए गए हैं। जिन लोगों को जिला प्रशासन की तरफ से नोटिस दिया गया है उनमे वो किसान भी शामिल हैं जिनके परिजन पिछले साल हुई हिंसा में पुलिस की गोली लगने से मारे गए थे। 6 जून 2017 को मंदसौर में किसान आंदोलन के दौरान हुए गोलीकांड में कुल 6 किसानों की मौत पुलिस की गोली लगने से हो गई थी। गोलीकांड में मारे गए सभी किसानों को मंदसौर में शहीद का दर्जा मिला हुआ है।

किसान आंदोलन के दौरान हिंसा भड़क सकती है, कानून व्यवस्था को लेकर मिल रहे खूफिया इनपुट में भी यह आशंका जताई गई है। आईजी मकरंद देउस्कर ने किसान आंदोलन के दौरान उपद्रवियों से सख्ती से निपटने की बात कही है, उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों से निपटने के लिए पुलिस फोर्स पूरी तरह तैयार है।

किसान आंदोलन के दौरान उपद्रवियों से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने भारी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात करने का फैसला किया है। 89 कंपनी एसएएफ के साथ-साथ लगभग पांच हजार जवानों को तैनात किया गया है। स्थानीय स्तर पर भी पुलिस फोर्स ने मोर्चा संभाल लिया है। इसे लेकर भोपाल में मंगलवार को पुलिस मॉक ड्रिल की गई।

किसानों ने कर्जमाफी और पैदावार के वाजिफ दाम की मांग को लेकर पिछले साल इसी महीने में आंदोलन किया था। प्रदेश सरकार ने किसानों के आंदोलन को गंभीरता से नहीं लिया जिसकी वजह से किसान उग्र हो गए। और आंदोलन देखते ही देखते हिंसक हो गया आखिरकार उपद्रवियों की भीड़ को काबू में करते के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी जिससे हालात और बिगड़ गए। लेकिन इस बार प्रदेश सरकार इस तरह की कोई चूक नहीं करना चाहती और यही वजह है कि राहुल गांधी के दौरे से पहले मुख्यमंत्री खुद मंदसौर पहुंचे और किसानों का नब्ज टटोलने की कोशिश की।