खाट पर स्वर्णिम मध्यप्रदेश का स्वास्थ्य विभाग, घुटने भर पानी के रास्ते प्रसूता को अस्पताल ले गये परिजन

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भोपाल। मध्यप्रदेश में डेढ़ दशक से राज करने वाली बीजेपी भले ही स्वर्णिम मध्यप्रदेश का डंका पीट रही है। लेकिन, बुनियादी सुविधाएं तक यहां मयस्सर नहीं हैं, प्रदेश के हालात खुद इसकी गवाही देते हैं। टीकमगढ़ के पृथ्वीपुर गांव में प्रसूता को प्लास्टिक से ढककर छाता लगाये खाट पर घुटने भर पानी के रास्ते अस्पताल ले जाते परिजनों की तस्वीर प्रदेश की दुर्दशा बयां करने के लिए काफी है।
The health department of the Madhya Pradesh Madhya Pradesh on the cot, Kidnapped Kidney
अस्पताल के बाहर प्रेग्नेंट महिला का तड़पना, अस्पताल परिसर में या सड़क पर प्रसव होना, एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने के कारण और समय पर इलाज न मिलने के कारण मौत हो जाना या शव वाहन नहीं मिलना ये सब मध्यप्रदेश के लिए कोई नई बात नहीं है, जिस प्रदेश के माथे से सरकार बीमारू का कलंक मिटाने का दावा करते नहीं थकती, वास्तव में उस प्रदेश की हालत बीमारू ही नहीं बल्कि संक्रमित हो चली है, जो हर विभाग, जगह फैलती जा रही है।

प्रदेश सरकार, यहां तक कि राज्यपाल भी सरकार के द्वारा गर्भवती महिलाओं को गर्भ के दौरान मेहनत न करने और देखभाल के लिए लाई गईं तमाम योजनाओं का ढिंडोरा पीट रहीं हैं, लेकिन ये तमाम बातें तब धता हो जाती हैं, जब एक गर्भवती महिला को तेज बारिश के दौरान उसके परिजन चारपाई पर लिटाकर, छाते के साए में उसे अस्पताल तक पहुंचाते हैं।

टीकमगढ़ जिले के पृथ्वीपुर वार्ड नंबर 3 में रहने वाले सुरेश खंगार की पत्नी को प्रसव पीड़ा होने के बाद एंबूलेंस उपलब्ध नहीं हुई, जिसके बाद उसके परिजन भारी बारिश में चारपाई पर लिटाकर, सड़क पर घुटनों तक भरे पानी में अस्पताल तक लेकर गए। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि प्रदेश में बुनियादी सुविधाओं की कितनी कमी है।