जल सत्याग्रह कर रहे प्रभावितों का स्वास्थ्य प्रभावित होने लगा

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TIO खंडवा

ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर में खड़े होकर जल सत्याग्रह कर रहे प्रभावितों का स्वास्थ्य प्रभावित होने लगा है। पानी में लगातार खड़े रहने से पैरों की चमड़ी भी गलना शुरू हो गई है। इसके बावजूद आंदोलनकारी मांगों के समर्थन में सातवें दिन भी डटे रहे। इधर नर्मदा बचाओ आंदोलन की वरिष्ठ कार्यकर्ता चित्तरूपा पालित ने नर्मदा घाटी विकास मंत्री सुरेंद्रसिंह बघेल से भोपाल में मुलाकात कर उन्हें बांध प्रभावितों की समस्या से अवगत करवाया।

नबआं कार्यकर्ता पालित ने बताया कि दो मीटर पानी बढ़ने से डूब क्षेत्र के गांवों और घरों में पानी भर रहा है। गांव के रास्ते कट गए और सैकड़ों एकड़ जमीन टापू बन गई है। उन्होंने यह भी बताया कि अभी भी लगभग दो हजार प्रभावितों का पुनर्वास नीति, राज्य सरकार के आदेशों व सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार पुनर्वास मिलना बाकी है। पालति ने मंत्री बघेल से आग्रह किया कि बांध का जलस्तर घटाया जाए और तेजी से सभी प्रभावितों का पुनर्वास किया जाए। इसके बाद समस्या के समाधान के लिए भोपाल स्तर पर अधिकारियों की बैठक का सिलसिला शुरू हो गया है।

जल सत्याग्रही के स्वास्थ्य में गिरावट

सभी जल सत्याग्रहियों के स्वास्थ्य में गिरावट आती जा रही है। सत्याग्रहियों को बुखार व खुजली की शिकायत और उनके पैरों की चमड़ी खराब होने लगी है। स्वास्थ्य में गिरावट के बावजूद सत्याग्रहियों ने ओंकारेश्वर बांध प्रभावितों के सभी अधिकार प्राप्त होने तक आंदोलन जारी रखने का संकल्प दोहराया है।

हरसंभव मदद कर रहा है प्रशासन

पुनासा एसडीएम ममता खेड़े ने बताया कि डूब प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की मदद और जायज मांगों का निराकरण प्राथमिकता पर किया जा रहा है। क्षेत्र में अधिकारी-कर्मचारी 24 घंटे तैनात रहकर प्रत्येक स्थिति पर नजर रख रहे हैं। उपचार या स्वेच्छा से घर का सामान परिवहन करने के लिए मदद मांगने वालों को तत्काल सुविधा मुहैया करवाई जा रही है।