नई दिल्ली: साल 2012 में यूपीए सरकार ने 128 से अधिक ऐसे संगठनों की पहचान की थी, जिनके संबंध माओवादियों से थे. साथ ही यूपीए सरकार ने कुछ ऐसे लोगों की भी पहचान की थी, जो माओवादियों के संगठन से जुड़े हुए थे. उनमें से ही कुछ लोगों को मंगलवार को महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार किया. वाम विचारकों की गिरफ्तारी के बाद मोदी सरकार के खिलाफ में आवाजें मुखर हो रही हैं. यही वजह है कि गृह मंत्रालय के अधिकारी वाम विचारकों के खिलाफ कार्रवाई को सही ठहराने के लिए फैक्ट और फिगर्स के साथ सामने आए हैं.
The Home Ministry said: The UPA government had identified the people associated with Maoist organizations
मंत्रालय ने कहा कि साल 2012 मनमोहन सिंह सरकार ने ऐसे संगठनों की पहचान की थी और राज्य सराकारों को उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. मंत्रालय का कहना है कि यूपीए सरकार की लिस्ट में शामिल लोगों को ही छापेमारी कर गिरफ्तार किया गया है.
सीनियर अधिकारी ने कहा कि दिसंबर 2012 में यूपीए सरकार ने ऐसे 128 संगठनों की पहचान की थी, जिनके संबंध सीपीआई (माओवादी) से थे और मनमोहन सिंह सरकार ने ही सभी राज्यों को इन संगठनों और संगठन से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा था. वरवरा राव, सुधा भारद्वाज, सुरेंद्र गाडलिंग, रना विल्सन, अरुण फेररिरया, वर्नोन गोंजाल्विस और महेश राउत के नाम भी यूपीए सरकार द्वारा जारी लिस्ट में थे और इन्हीं लोगों को पकड़ा गया है.
गौरतलब है कि एक ओर जहां, सुधा भारद्वाज, अरुण फेररिया और वर्नन गोंजाल्विस को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया, वहीं सुरेंद्र गाडलिंग और रोना विल्सन और महेश राउत को 6 जून को ही गिरफ्तार किया गया था. मंगलवार को गिरफ्तार हुए पांच लोगों में से फेररिया और गोंजाल्विस दो ऐसे हैं, जिन्हें 2007 में भी गिरफ्तार किया गया था और उन्होंने कई साल जेल में भी बिताए थे. इसी तरह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना पुलिस द्वारा भी पहले वरवरा को कई बार गिरफ्तार किया जा चुका है.
एक अधिकार ने बताया कि मौजूदा मामले में सीपीआई (माओवादी) के साथ इन व्यक्तियों के लिंक शामिल हैं, जो एक प्रतिबंधित संगठन है. जो लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म करने के भयानक उद्देश्य से काम करता है. और सीपीआई (माओवादी) को सपोर्ट करते हैं. साथ ही आगे उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति सीपीआई (माओवादी) के भूमिगत कार्यकतार्ओं द्वारा किए गए हिंसक कृत्यों की सहायता और उन्हें बढ़ावा देने की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं.