वॉशिंगटन। अमेरिका की एक संसदीय रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के प्रस्तावित जवाबी शुल्क से अमेरिकी निर्यात पर बुरा असर पड़ेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि भारत ऐसा करता है, तो अमेरिका का करीब 90 करोड़ डॉलर का निर्यात प्रभावित होगा। भारत ने पिछले साल सेब, बादाम और मसूर समेत अन्य अमेरिकी कृषि उत्पादों पर शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया था।
The impact of India’s response on counterfeit will affect US $ 990 million
अमेरिका की ओर से इस्पात और एल्युमीनियम पर शुल्क लगाने के बाद भारत ने पिछले साल अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही आशंका जाहिर की जा रही थी कि अमेरिका और भारत के बीच भी ट्रेड वॉर शुरू हो सकता है। हालांकि, भारत छह महीने पहले यह चेतावनी देने के बाद भी शुल्क लागू करने की तिथि को लगातार बढ़ाता आ रहा है। अब 31 जनवरी 2019 की तारीख शुल्क लागू करने के लिए तय की है।
पिछले साल अक्टूबर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रेंप ने कहा था कि कृषि उत्पादों पर लगने वाला यह टैरिफि सभी ‘टैरिफ का राजा’ होगा क्योंकि भारत पहले ही अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा शुल्क वसूलता है। हालांकि, 800 से अधिक अमेरिकी खाद्य एवं कृषि उत्पादों पर चीन की तुलना में भारत का प्रस्तावित शुल्क काफी कम है। चीन ने साल 2017 में अमेरिरा को 20.6 अरब डॉलर का निर्यात किया था।
अमेरिका ने भारत को 2017 में कुल 1.8 अरब डॉलर के कृषि उत्पादों का निर्यात किया था। भारत ने जिन उत्पादों पर शुल्क लगाना निर्धारित किया है, उसका मूल्य 85.7 करोड़ डॉलर है। अमेरिका के किसानों खासकर बादाम उगाने वाले भारत के जवाबी शुल्क की धमकी को महसूस कर रहे हैं।