महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापटक का असर सोमवार को संसद के दोनों सदनों में देखने को मिला

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नई दिल्ली

महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापटक का असर सोमवार को संसद के दोनों सदनों में देखने को मिला। दोनों सदनों में फडणवीस सरकार के गठन को लेकर भारी हंगामा हुआ। शोर शराबे के कारण राज्यसभा सी कार्रवाई कुछ समय के लिए स्थगित भी कर दी गई। राहुल गांधी ने संसद में सवाल पूछने से भी इनकार कर दिया।

लोकसभा में महाराष्ट्र मुद्दे पर विरोध के दौरान बड़ा पोस्टर लहरा रहे कांग्रेस सदस्यों हिबी इडेन और टीएन प्रतापन को स्पीकर ने ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी। वहीं दोनों सांसदों और मार्शलों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई।

शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने संसद में भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा ने नियम-कानून को ताक पर रखकर राज्यपाल की मदद से महाराष्ट्र में रातोंरात सरकार बना ली, जबकि उनके पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है।

राज्यपाल के फैसले को चुनौती देनी वाली शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की संयुक्त याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज दूसरे दिन सुनवाई कर रहा है।

लोकसभा में पेश होगा एसपीजी अधिनियम संशोधन विधेयक
सरकार सोमवार को लोकसभा में विशेष सुरक्षा समूह अधिनियम में संशोधन विधेयक पेश करेगी जिसमें किसी पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार को एसपीजी की सुरक्षा के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव किया गया है। कैबिनेट पहले ही एसपीजी कानून में संशोधन विधेयक को हरी झंडी दे चुकी है।

संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बताया कि सोमवार को विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) अधिनियम में संशोधन के लिए विधेयक लाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रतिष्ठित एसपीजी कमांडो देश के प्रधानमंत्री, उनके परिजनों, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा का जिम्मा संभालते हैं। सुरक्षा संबंधी खतरों के आधार पर यह सुरक्षा प्रदान की जाती है।

प्रस्तावित विधेयक में पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिवार के सदस्यों को एसपीजी सुरक्षा के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव किया गया है। सूत्रों के अनुसार, एसपीजी कानून के तहत पूर्व प्रधानमंत्री को पद छोड़ने के एक साल बाद तक या फिर खतरे के आंकलन के आधार पर एसपीजी सुरक्षा देने के प्रावधान में परिवर्तन नहीं किया जाएगा।

ये विधेयक भी होंगे पेश
लोकसभा में इसके अलावा ई सिगरेट पर प्रतिबंध विधेयक, दमन व दीव और दादरा एवं नगर हवेली का विलय एक केंद्र शासित प्रदेश में करने, दिल्ली में अनधिकृत कालोनियों के लोगों के सम्पत्ति संबंधी अधिकार विधेयक सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक चर्चा एवं पारित होने के लिये पेश किए जाएंगे।

संविधान दिवस के अवसर पर 26 नवंबर को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक सेंट्रल हाल में बुलाई जायेगी । इसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संबोधित करेंगे