तिरुवनंतपुरम। दो दिन बाद ही प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर मासिक पूजा के लिए दोबारा से खुल जाएगा। इस बार सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के चलते पहली बार महिलाएं भी मंदिर में प्रवेश करेंगी। हालांकि इस पर विवाद अभी गर्माया हुआ है। इसी के चलते त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) ने तंत्री परिवार, पंडलम पैलेस के प्रतिनिधि और अयप्पा सेवा संगम के नेताओं को मंगलवार को चर्चा के लिए बुलाया है। उधर, बीजेपी ने विरोध प्रदर्शन में पूरी ताकत झोक रखी है।
The last bid by the Kerala government to resolve the Sabarimala dispute
उसका मेगा रैली सोमवार को ही केरल सचिवालय पहुंची है। ऐसे में इसे संभावित हिंसा और टकराव को रोकने के लिए केरल की लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार की आखिरी कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। अयप्पा भक्तों के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए ही टीडीबी ने यह पहल की है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में 10 साल के 50 साल तक की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी थी। इसी के चलते नाराज लोग प्रदर्शन कर रहे थे। गौर करने वाली बात यह है कि बातचीत के लिए आमंत्रण बीजेपी द्वारा विरोध मार्च की समाप्ति के एक दिन पहले आया है।
हालांकि,इससे पहले तंत्री परिवार और पंडलम शाही परिवार के सदस्यों ने सीएम विजयन के साथ इसी मसले पर होने वाली मीटिंग में शामिल होने से इनकार कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि सरकार ने पहले से ही महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत देने का मन बना लिया था। यह मीटिंग केवल आंखों को धोखा देने के लिए है।
…कहीं सबरीमाला न बन जाए राजनैतिक मुद्दा
टीडीबी अध्यक्ष ए पद्मकुमार का कहना है, ‘हम यहां सालों पुरानी परंपराओं और मूल्यों को बदलने के लिए नहीं हैं। हम सबरीमाला के भक्तों के हित और मूल्यों की रक्षा करना चाहते हैं।’ वह आगे कहते हैं, ‘सभी मुद्दों का सुलझना जरूरी है। बोर्ड नहीं चाहता कि सबरीमाला एक राजनैतिक मुद्दा बन जाए। इसलिए बिना किसी शर्त के हम तंत्री परिवार और दूसरे लोगों से चर्चा करेंगे।’
‘महिलाओं को रोकना संभव नहीं’
टीडीबी अध्यक्ष ने कहा कि इस वर्ष सुरक्षित और परेशानी मुक्त तीर्थयात्रा सुनिश्चित करने के लिए यह चर्चा आयोजित की गई है। देवस्वोम मंत्री कडकंपल्ली सुरेंद्रन ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर महिलाएं दर्शन के लिए आ रही हैं तो उन्हें रोकना संभव नहीं है। वहीं टीडीबी प्राधिकारियों ने सन्नीधानम में महिला पुलिस कर्मियों और महिलाओं देवस्वोम कर्मचारियों को तैनात करने की खबर को खारिज किया है।