देशभर में देखा गया दशक का आखिरी ग्रहण, 2:52 घंटे तक चंद्रमा के आगोश में रहा सूर्य

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  • सूर्य ग्रहण के बाद नर्मदा तट पर पुण्य स्नान, उमड़ेगी श्रद्धालुओं की भीड़
  • देशभर में देखा गया दशक का आखिरी ग्रहण, 2:52 घंटे तक चंद्रमा के आगोश में रहा सूर्य
  • ग्रहण मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली, चेन्नई, कन्याकुमारी समेत देश के कई शहरों में दिखा; अगला सूर्य ग्रहण 21 जून 2020 को होगा
  • सूर्य ग्रहण और धनु राशि में 6 ग्रहों का दुर्लभ योग, अब 559 साल बाद बनेगा ऐसा संयोग
  • गुरुवार को सूर्य, बुध, गुरु, शनि, चंद्र और केतु धनु राशि में रहेंगे, 12 घंटे पहले रात से सूतक लगा
  • ग्रहण के समय करना चाहिए मंत्रों का मानसिक जाप और नकारात्मक विचारों से बचें

TIO  भोपाल

 दशक का आखिरी सूर्य ग्रहण गुरुवार सुबह 8:04 बजे शुरू हुआ। भारत में ग्रहण काल 2:52 घंटे का रहेगा। 9:30 बजे मध्य काल और 10:56 बजे ग्रहण खत्म होगा। ये मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली, चेन्नई, मैसूर, कन्याकुमारी समेत देश के कई शहरों में दिखाई दे रहा है। अधिकतम स्थानों पर खंडग्रास और दक्षिण भारत की कुछ जगहों पर कंकणाकृति सूर्य ग्रहण नजर आया। केरल के कारगोड़ा, महाराष्ट्र के मुंबई और यूएई के दुबई में चंद्रमा ने सूर्य को ढक लिया और रिंग ऑफ फायर की स्थिति नजर आई।

सूर्यग्रहण से पहले जहां देश के सभी मंदिरों के पट बंद कर दिए गए वहां महाकाल मंदिर के पट सूर्यग्रहण में भी खुले रहे। सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के दौरान वैष्णव मंदिरों के पट बंद कर दिए जाते हैं लेकिन शैव मंदिरों के पट खुले रहते हैं। आज सूर्य ग्रहण के दौरान महाकाल मंदिर के गर्भगृह में पुजारी बैठकर जाप करते रहे। इस दौरान वे शिवलिंग को स्पर्श नहीं करते हैं, ग्रहण पूर्ण होने के बाद वे बाहर निकलते हैं। इस दौरान उज्जैन शहर में बाकी मंदिरों के पट बंद रहे।

महाकाल को देरी से लगेगा भोग

उज्जैन के महाकाल मंदिर में भगवान को दिन के अलग-अलग समय भोग लगाया जाता है। आज सूर्य ग्रहण के दौरान सुबह 10:30 बजे लगाए जाने वाले भोग को दोपहर 12 बजे लगाया जाएगा। ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिर में शुद्धिकरण किया जाएगा, इसके बाबा महाकाल की पूजा अर्चना की जाएगी। वर्ष के अंत में छुट्टियों के दौरान यहां दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई है। बुधवार को ही एक दिन में करीब 26 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन किए।

साल 2019 का आखिरी सूर्यग्रहण शुरू हो गया है। सूर्यग्रहण को नग्न आंखों से देखने पर सूर्य का तेज उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। ग्रहण देखने के लिए केवल ऐसे चश्मे उपयोग किए जाने चाहिए, जो आईएसओ 12312-2 सर्टिफाइड हों। यह सुझाव अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने दिया है। हालांकि वेल्डिंग के दौरान उपयोग होने वाले चश्मे या पिनहोल प्रोजेक्टर के जरिये भी सूर्यग्रहण देखा जा सकता है। सूर्यग्रहण के दौरान खाना, पीना और अपने रोजमर्रा के काम करना पूरी तरह सुरक्षित है। इससे कोई नुकसान नहीं होता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सूर्य ग्रहण का नजारा देखा। उन्होंने ट्विटर हैंडल से तस्वीरें शेयर की हैं।