शहीद जवान को पैतृक गांव के लोगों ने दी अंतिम विदाई, बेटे ने की कार्रवाई की मांग

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सोनीपत। सीमा पर पाकिस्तानी सेना की फायरिंग में शहीद बीएसएफ के हेड कॉन्स्टेबल नरेंद्र सिंह को सोनीपत के उनके पैतृक गांव में लोगों ने अंतिम विदाई दी। शहीद जवान को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों लोग उमड़े। मौजूद लोगों के मन में एक तरफ पाकिस्तान की नापाक हरकत पर गुस्सा था तो दूसरी तरफ शहीद जवान के गम में आंखें नम थीं। नरेंद्र सिंह का शव जम्मू के रामगढ़ सेक्टर में मिला था। पाकिस्तानी सेना ने न सिर्फ उन्हें गोलियां मारीं बल्कि मौत के बाद उनके शव के साथ भी बर्बरता की गई।
The last farewell given by the people of the native village to the martyr jawan, the son demanded the action
पिता की शहादत से दुखी उनके बेटे ने पाकिस्तान की बर्बरता पर सरकार से ऐक्शन लेने की बात कही। उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए यह गर्व का विषय है। हर किसी को तिरंगे में अंतिम विदाई नहीं मिलती। लेकिन, हम सिर्फ गर्व करके ही नहीं रह सकते। हमें आज गर्व है, कल फिर कोई शहीद होगा और फिर गर्व होगा। हम सरकार से ऐक्शन की मांग करते हैं।’

यही नहीं उन्होंने सैनिकों के प्रति सरकार के रवैये को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘आज हमें गर्व है, लेकिन 2 से 3 दिन बाद क्या होगा, जब हमें कोई सहायता नहीं मिलेगी? मैं और मेरा भाई बेरोजगार हैं। मेरे पति परिवार के अकेले कमाऊ सदस्य थे और देश की सेवा करते हुए चले गए। मैं चाहता हूं कि अथॉरिटी हमें वे चीजें मुहैया कराए, जिनकी हमें जरूरत है।’

इससे पहले बुधवार शाम को भारत ने सैन्य अभियान निदेशालय स्तर की वार्ता के दौरान बीएसएफ जवान की हत्या को लेकर पाकिस्तान के समक्ष विरोध दर्ज कराया। सेना के सूत्रों ने कहा, ‘बातचीत के दौरान भारत ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ जवान को निशाना बनाकर किए गए संघर्षविराम उल्लंघन के खिलाफ विरोध दर्ज कराया।’