भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस चुनाव अभियान समिति की बैठक के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को पीसीसी में जो कमरा आवंटित किया गया, उसमें सांसद ने झांका तक नहीं। सूत्रों के मुताबिक उन्हे कमरा पसंद नहीं आया। हालांकि पूर्व विधायक ने ऐसे अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए मुख्यमंत्री पर निशाना साधा और कहा कि, सीएम के पास दो-दो बंगले हैं। कांग्रेस सांसदों को बंगले नहीं दिया जाना अनुचित है।
The Maharaja did not get a room in PCC, kept the plate of worship kept
बता दें कि सिंधिया बैठक के लिए पीसीसी गये थे, जहां उनके लिए कमरा आवंटित किया गया है। वहीं पीसीसी पहुंचे सांसद ने उस कमरे में झांका तक नहीं। कमरे में पूजा की थाली रखी गई थी ताकि सांसद अपने कक्ष का औपचारिक श्रीगणेश कर सकें, लेकिन सूत्रों ने बताया कि सांसद को जो कक्ष आवंटित किया गया है वह उन्हें पसंद नहीं आया, इसलिए वे कक्ष में गए तक नहीं।
हालांकि पूर्व विधायक गोविंद सिंह ने इस प्रकार की सभी अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया उज्जैन में महाकाल मंदिर में पूजा अर्चना करके चुनाव अभियान का औपचारिक शुभारंभ कर चुके हैं।
दो बंगलों को लेकर सीएम पर साधा निशाना
उन्होंने पीसीसी में कमरे वाले बयान को शासकीय बंगले की ओर मोड़ते हुए मुख्यमंत्री की आलोचना की। उन्होंने आवेदन के बाद भी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को सरकार द्वारा शासकीय बंगला आवंटित नहीं जाने पर नाराजगी जताई। कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक गोविंद सिंह राजपूत ने भाजपा पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि मुख्यमंत्री के पास 15 साल से दो-दो बंगले हैं और कई भाजपा सांसदों के पास भी दो-दो बंगले हैं फिर भी कांग्रेस सांसदों को बंगले नहीं दिया जाना अनुचित है।
कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक गोविंद सिंह ने सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को शासकीय बंगला आवंटित नहीं किये जाने पर मुख्यमंत्री की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीति कांग्रेस के लिए अलग और बीजेपी के लिए अलग है। गोविंद सिंह ने इस बात पर आश्चर्य जताया है कि प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आवंटित कमरा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को पसंद नहीं आया है। उन्होंने कहा कि सांसद को प्रदेश भर में दौरे करना है, कमरे में बैठकर तो केवल तालमेल बिठाने का कार्य है इसलिए नाराजगी वाली कोई बात नहीं। पूर्व विधायक गोविंद सिंह ने कहा कि सांसद के नाते ज्योतिरादित्य सिंधिया को तत्काल सरकारी बंगला दिया जाना चाहिए।