माया के नक्शे कदम पर योगी, भाजपा कार्यालयों में लगा सकते हैं पीएम और सीएम की मूर्ति!

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लखनऊ। पांच जून को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 46वें बर्थडे पर उन्हें मिले दो गिफ्ट ने सभी का ध्यान खींचा। सीएम को दो मूर्तियां उपहार में दी गई थीं। बीजेपी के संगठन मंत्री सुनील बंसल ने योगी को इस दौरान पीएम मोदी की एक छोटी सी मूर्ति गिफ्ट में दी थी। वहीं, सीएम के ओएसडी (विशेष कार्याधिकारी) अभिषेक कौशिक ने योगी को उन्हीं की मूर्ति बतौर गिफ्ट भेंट की। आने वाले दिनों में ये गिफ्ट भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दफ्तरों में नजर आ सकते हैं। इससे पहले यूपी की पूर्व सीएम मायावती ऐसा कर चुकी हैं और बसपा के सभी दफ्तरों में अपनी और हाथी की मूर्तियां लगवा चुकी हैं।
The map of Maya can be organized by the Yogi, BJP offices, PM and CM idol!
योगी आदित्यनाथ की जो मूर्ति डिजाइन की गई है, उसे चित्रकूट के एक कलाकार ने बनाया है। इस मूर्ति में योगी अपने चिर-परिचित भगवा कपड़ों में नजर आ रहे हैं। बर्थडे के दौरान दोनों मूर्तियों की लोगों ने काफी प्रशंसा की। अब यह फैसला लिया गया है कि बड़े आकार की मूर्तियों को प्रदेश के हर बीजेपी दफ्तर में लगाया जाएगा। हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। बीजेपी की तरफ से खुलकर इस बारे में कोई ऐलान नहीं हुआ है।

केंद्र में मोदी सरकार के गठन के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के विस्तार अभियान के तहत यूपी के हर जिले में पार्टी का दफ्तर बनाने का फैसला लिया था। यूपी में अब तक 75 में से 65 जिलों में दफ्तर के लिए या तो जमीन ली जा चुकी है या अपना कार्यालय बन चुका है। माना जा रहा है कि इन सभी दफ्तरों में पीएम मोदी और योगी की मूर्तियां लगाई जा सकती हैं।

‘सरकारी पैसे से नहीं खरीदी जाएगी मूर्ति’
सीएम के ओएसडी अभिषेक कौशिक ने ट्वीट करते हुए इसके साफ संकेत दिए हैं। साथ ही उन्होंने कहा है कि मूर्तियों को खरीदने पर कोई सरकारी खर्च वहन नहीं किया जाएगा। कौशिक ने ट्वीट किया, ‘उत्तर प्रदेश सरकार इसके लिए कोई रकम खर्च नहीं करेगी। हम बीजेपी कार्यकतार्ओं से अपील करेंगे कि वे इन्हें खरीदें।’

इस मुद्दे पर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का कहना है, ‘यह यूपी के कलाकार की प्रतिभा है जो पार्टी के कार्यकतार्ओं को बहुत पसंद आई है। बहुत ही कम मूल्य की इन मूर्तियों को वे प्रेरणा के लिए खरीद कर रख सकते हैं या उपहार दे सकते हैं। मायावती की मूर्तियों से इनकी तुलना नहीं की जा सकती है, क्योंकि उनमें बड़े पैमाने पर सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ था।’