नई दिल्ली । केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) में एक गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। दरअसल 12वीं में पढ़ने वाले एक स्टूडेंट की एग्जाम कॉपी गुम हो गई तो सीबीएसई ने उसपर कोई ऐक्शन लेने के बजाय किसी दूसरे स्टूडेंट की कॉपी पर उसका रोल नंबर लिखकर मार्क्स दे दिए। उम्मीद से कम नंबर देखकर स्टूडेंट ने सीबीएसई से कॉपी निकलवाई तो देखा कि उसमें हैंडराइटिंग उसकी है ही नहीं।
The matter of serious negligence in the CBSE came in front – Gumi Ansarakit, the number shown by another student’s copy
यह है पूरा मामला
12वीं के छात्र ध्रुव ने साइंस स्ट्रीम से इसी साल एग्जाम दिए थे। मई में रिजल्ट आया तो इंग्लिश में उसके 40 नंबर थे। इस पर ध्रुव और उसके घरवालों को यकीन नहीं हुआ। ध्रुव के पिता ने सीबीएसई में 500 रुपये की फीस जमा करके इंग्लिश की आंसरशीट निकलवाई, लेकिन वह देखकर हैरान रह गए कि उसमें किसी दूसरे बच्चे की हैंडराइटिंग थी।
सीबीएसई से बताया गया कि ध्रुव की आंसरशीट मिल नहीं रही है। इसके बाद ध्रुव की ओर से हाई कोर्ट में शिकायत दर्ज की गई। वकील समीर चंद्रा ने बताया कि सीबीएसई ने हाई कोर्ट में बताया कि उसे इस कैंडिडेट की हैंडराइटिंग से मैच करती हुई आंसरशीट नहीं मिली तो आंसर बुक में काल्पनिक रोल नंबर लिखते हुए इस गोपनीय काम में गलती हो गई।
हाई कोर्ट के कहने पर सीबीएसई की ओर से दो विकल्प दिए गए- पहला, ध्रुव को जिन तीन सब्जेक्ट्स में सबसे अच्छे मार्क्स मिले हैं, उनके एवरेज के आधार पर इंग्लिश सब्जेक्ट के नंबर रिवाइज कर दिए जाएं। दूसरा विकल्प यह कि वह इस सब्जेक्ट का दोबारा से एग्जाम दे। ध्रुव ने दोबारा एग्जाम का आॅप्शन चुना। हाई कोर्ट के निर्देश पर ध्रुव ने इंग्लिश कोर का पेपर दोबारा से दिया। अब उसे 89 अंक हासिल हुए हैं, जबकि मई में घोषित परिणामों में उसे इंग्लिश में महज 40 मार्क्स दिए गए थे। कंपार्टमेंट एग्जाम के रिजल्ट उसका ही उसका रिजल्ट भी घोषित किया गया।