सांसद ने 9 बजकर 58 मिनट पर फोड़ा बम, कहा- ‘कोर्ट का यह निर्णय व्यावहारिक नहीं’

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उज्जैन। दीपावली की रात सांसद चिंतामणि मालवीय के घर पुलिस और प्रशासन ने डेरा डाले रखा. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सांसद ने कहा था कि ‘मैं तो दस बजे के बाद ही पटाखे फोडूंगा, कोर्ट का यह निर्णय व्यावहारिक नहीं है.’ जिसके बाद मालवीय ने अधिकारियों की मौजूदगी में 9 बजकर 58 मिनट पर पटाखा जलाकर अपना विरोध जाहिर किया.
The MP told the absconding bomb at 9.55 pm, “The decision of the court is not practical”
दरअसल सांसद के दस बजे के बाद पटाखा फोड़ने के बयान को लेकर पुलिस के आला अधिकारी उनके घर पर मौजूद रहे. अधिकारियों ने सांसद मालवीय को समझाया कि ऐसा करने पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का केस दर्ज हो सकता है. जिसके बाद मालवीय ने 9 बजकर 58 मिनट पर बम फोड़ा और कहा कि मैं कोर्ट का सम्मान करता हूं. इस दौरान काफी संख्या में उनके समर्थक भी मौजूद रहे और जमकर नारेबाजी की.

इस बीच मीडिया से बात करते हुए उन्होंने अपनी बात रखी और कहा कि जनता की पीड़ा और करोड़ों हिन्दुओं की तकलीफ को व्यक्त करना था. आठ से दस बजे तक का जो निर्णय था, वो व्यावहारिक नहीं है. सुप्रीम कोर्ट कभी सबरीमाला पर तो कभी जलीकुट्टी पर आदेश देते हैं, लेकिन राम मंदिर पर निर्णय नहीं देना चाहते हैं. ये जो सुप्रीम कोर्ट की प्रवृत्ति है, वो आहत करती है.

चिंतामणि मालवीय ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट एक आतंकी के लिए रात को खुल जाता है. पैलेट गन नहीं चले, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट निर्णय देता है, लेकिन जब जनता की बात आती है, तो इस तरह के विपरीत निर्णय देता है. सबसे ज्यादा प्रदूषण तो बढ़ती आबादी से है, उस पर कानून लाना चाहिए. इस तरह के निर्णय नहीं देना चाहिए, जो पालन न हो सके.

वहीं सुप्रीम कोर्ट पर ऊंगली उठाते हुए चिंतामणि ने कहा कि कॉलेजियम पद्धति से ऐसे लोग आ रहे हैं, जो व्यावहारिक ज्ञान नहीं रखते हैं. कॉलेजियम पद्धति खत्म होनी चाहिए और ज्यूडिशियल कमीशन पद्धति से भर्ती होनी चाहिए, ताकि व्यावहारिक ज्ञान वाले जजों की भर्ती हो.