भोपाल। भाजपा कोर ग्रुप की बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। भाजपा की अंदरूनी बैठक में पार्टी के आगामी कार्यक्रमों पर मंथन किया गया। राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने स्पष्ट किया कि, मप्र भाजपा के नए अध्यक्ष का नाम पहले ही दिल्ली में तय किया जा चुका है। कैलाश विजयवर्गीय की अगर बात मानी जाए तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का नाम लिफाफा खुलते ही तय हो जाएगा।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के पद से हटने के बाद जहां प्रदेश भाजपा की अंदरूनी राजनीति में चल रही परिवर्तनों की अटकलों को विराम लग गया, वहीं सबकी नजरें नए अध्यक्ष के नाम पर टिक गई हैं। बताया जा रहा है कि हालिया जातीय तनाव पर नियंत्रण के लिए पहले ही राष्ट्रीय नेतृत्व से सहमति ले ली गई है, बस घोषणा होना बाकी है।
लिफाफा खुलते ही होगी नए अध्यक्ष की घोषणा
पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गी की मानें तो संगठन महामंत्री रामलाल लिफाफा दिल्ली से लेकर आए हैं, उसमें नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम बंद है। बंद नामों का लिफाफा आज खुलते ही नए अध्यक्ष की घोषणा कर दी जाएगी। कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि, नाम लगभग तय हो चुका है दोपहर तक लिफाफे में बंद नाम की घोषणा कर दी जाएगी।
‘मध्यप्रदेश के नए प्रदेश अध्यक्ष का हो चुका है निर्णय’
वहीं दूसरी ओर संगठन सचिव बी.डी. शर्मा का कहना है कि, नए प्रदेश अध्यक्ष का निर्णय हो चुका है। जिसकी औपचारिक घोषणा आज दोपहर तक कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी इस बारे में बोलना उचित नहीं होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम जल्द ही सभी के सामने होगा। चुनाव को लेकर भाजपा के सर्वे से मुश्किल में घिरे संगठन की एक पखवाड़े में यह दूसरी बार अहम बैठक हुई है।
प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में कई नामों पर चर्चा
बैठक में भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा अंदरूनी रूप से तो हो चुकी है, लेकिन इसे अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है, हालांकि प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में कई नाम चर्चा में रहे हैं जिसमें पहला नाम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के परम मित्र और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का है।
संगठन में आने वाले समय में और भी होंगे परिवर्तन
इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते एवं गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के साथ-साथ जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा के नामों पर भी चर्चा की गई है। क्योंकि यह चुनावी साल है और अब मध्यप्रदेश में चौथी बार सरकार बनाने की रणनीति पर संगठन में अहम फैसले लिए जा रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने के बाद माना जा रहा है कि, संगठन में आने वाले समय में और भी परिवर्तन होंगे।