विधायकों और भाजपा नेताओं के फोन टेप किए गए थे

0
323

TIO JAIPUR

राजस्थान में पिछले साल जुलाई में सचिन पायलट खेमे की बगावत के समय बागी विधायकों, केंद्रीय मंत्री सहित कई लोगों के फोन टेप करने की बात सरकार ने मान ली है। सरकार ने विधानसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह माना है कि सक्षम स्तर से मंजूरी लेकर फोन टेप किए जाते हैं और नवंबर 2020 तक फोन टेप के सभी मामलों की मुख्य सचिव स्तर पर समीक्षा भी की जा चुकी है।

भाजपा विधायक कालीचरण सराफ के अगस्त में पूछे गए सवाल का गृह विभाग ने अब जवाब दिया है, सवाल का जवाब राजस्थान विधानसभा की वेबसाइट पर तो डाल दिया लेकिन विधायक के पास लिखित रूप में नहीं पहुंचा है।

सियासी संकट के वक्त खुलकर फोन टेप की बात नहीं मानी थी, लेकिन अब मानी
पायलट गुट की बगावत के वक्त मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बार-बार यह कह रहे थे कि उनके पास सरकार गिराने में भाजपा नेताओं की भूमिका और करोड़ों के लेनदेन के सबूत हैं। टेप जारी हुए लेकिन गहलोत सरकार ने तब टेपिंग कराने की बात नहीं मानी। अब सवाल के जवाब में सरकार ने मान लिया है कि सक्षम अधिकारी की अनुमति से फोन टेप किए गए थे। तय प्रक्रिया के अनुसार गृह सचिव की अुनमति से ही फोन टेप किए जाते हैं। जिस वक्त की यह घटना है उस समय राजीव स्वरूप गृह विभाग के एसीएस थे, बाद में वे मुख्य सचिव बनाए गए थे।

उस बातचीत में सरकार गिराने और पैसों के लेनदेन की बातें थीं। सीएम अशोक गहलोत ने कई बार कहा कि सरकार गिराने के षड्यंत्र करने में हुए करोड़ों के लनेदेन के सबूत हैं और ये आरोप झूठे हों तो राजनीति छोड़ दूंगा जिन नेताओं के ऑडियो टेप आए थे, उनके वॉयस टेस्ट नहीं हुए थे। विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े मामले की जांच एसीबी और एटीएस कर रही है।

यह है सवाल और उसका जवाब
कालीचरण सराफ ने पूछा था- क्या यह सही है कि विगत दिवसों में फोन टेप किए जाने के प्रकरण सामने आए हैं? यदि हां तो किस कानून के अंतर्गत और किसके आदेश पर? पूरा ब्योरा सदन की मेज पर रखें।

सरकार का जवाब
लोक सुरक्षा या लोक व्यवस्था के हित में या किसी ऐसे अपराध को प्रोत्साहित होने से रोकने के लिए जिससे लोक सुरक्षा या लोक व्यवस्था को खतरा हो टेलीफोन अन्तावरोध भारतीय तार अधिनियम 1885 की धारा 5(2) भारतीय तार अधिनियम (संशोधित) नियम 2007 के नियम 419 ए व सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69 में वर्णित प्रावधान के अनुसार सक्षम अधिकारी की स्वीकृति उपरान्त किया जाता है।

राजस्थान पुलिस द्वारा उपरोक्त प्रावधानों के अंतर्गत टेलीफोन अन्तावरोध सक्षम अधिकारी से अनुमति प्राप्त करने के उपरान्त ही किए गए हैं।अन्तावरोध पर लिए गए प्रकरणों की समीक्षा मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार की अध्यक्षता में नियमानुसार की जाती है। माह नवम्बर 2020 तक के समस्त प्रकरणों की समीक्षा की जा चुकी है।