नई दिल्ली : कांग्रेस को मुस्लिमों की पार्टी कहने संबंधी राहुल गांधी की कथित टिप्पणी को लेकर उनकी चुप्पी पर सवाल उठाते हुए भाजपा ने आज कहा कि विपक्षी पार्टी में मुस्लिम महिलाओं के लिए कोई जगह नहीं है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बीमार मानसिकता वाला होने का आरोप लगाए जाने को लेकर भी भाजपा ने पलटवार किया. दरअसल, इससे पहले प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि वह सिर्फ मुस्लिम पुरूषों के साथ खड़ी है.
The question raised by the BJP on the silence of Rahul, said- Firstly, Janawardhan, now Muslims are doing solicitation
भाजपा के वरिष्ठ नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा, कांग्रेस नेता द्वारा प्रधानमंत्री के खिलाफ शर्मनाक आरोप लगाना उनकी हताशा को दशार्ता है. उन्होंने कहा कि राहुल ने तीन तलाक पर सरकार की पहल को अब तक अपनी पार्टी का समर्थन नहीं दिया है, जबकि उच्चतम न्यायालय ने इस प्रथा पर पाबंदी लगा दी है. एक उर्दू अखबार में कांग्रेस को मुस्लिम की पार्टी बताने संबंधी कथित टिप्पणी के लिये राहुल को आड़े हाथ लेते हुए प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष अब अल्पसंख्यक समुदाय की सरपरस्ती कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जब चुनावों के लिए गुजरात गए थे तब वह जनेऊधारी बन गए थे. उन्होंने कर्नाटक में भी ऐसा ही किया था. अब चुनाव हो गए तो उन्होंने मुसलमानों की सरपरस्ती शुरू कर दी है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा, मुद्दा यह है कि राहुल गांधी क्यों संदिग्ध चुप्पी साधे हुए हैं. वह बोल क्यों नहीं रहे हैं. उन्होंने कहा कि राहुल ने हिलेरी क्लिंटन की मेजबानी के लिए एक दोपहर भोज के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मौजूदगी में कहा था कि भगवा आतंकवाद और उग्रवाद लश्कर ए तैयबा से कहीं अधिक खतरनाक है. आपको बता दें कि एक दिन पहले ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा था कि, प्रधानमंत्री ने अपने पद की गरिमा को लगातार ठेस पहुंचायी है. उन्होंने जो कहा हम उसका कड़ा विरोध करते हैं. यह उनकी बीमार मानसिकता दिखाता है.
शर्मा ने कहा, उनकी ओर से समाज को बांटने का एक प्रयास किया गया है. उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी पार्टी कांग्रेस ने राष्ट्रीय आंदोलन का नेतृत्व किया और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया. उसे मुस्लिमों की पार्टी कहना प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता, उन्होंने कहा, उनकी बीमार मानसिकता एक राष्ट्रीय चिंता का विषय है. प्रधानमंत्री ने ऐसा बयान दिया है, जो ऐतिहासिक तथ्यों के हिसाब से गलत है.