अलवर। राजस्थान के अलवर जिले में कथित गो-तस्करी के आरोप में हुई मॉब लिंचिंग में मामले में एक विवादित बयान देते हुए राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार ने कहा है कि अगर लोग गोहत्या के पाप से मुक्त हो जाएंगे तो देश में मॉब लिंचिंग की घटनाएं भी रुक जाएंगी। इंद्रेश कुमार ने कहा है कि क्या हम संकल्प नहीं ले सकते कि धरा (धरती) और मानवता गोहत्या के पाप से मुक्त हो जाए। अगर हम इस पाप से मुक्त होने में सफल होंगे तो देश में मॉब लिंचिंग जैसी समस्या भी खत्म हो जाएगी।
The RSS leader said: If people are free from cow slaughter, then the incidents of Mob Leaching will stop
किसी भीड़ की हिंसा अभिनन्दनीय नहीं: इंद्रेश
अलवर में हुई मॉब लिंचिंग की घटना पर पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में इंद्रेश कुमार ने यह प्रतिक्रिया दी। पत्रकारों के सवाल के जवाब में इंद्रेश ने कहा, ‘किसी भी भीड़ द्वारा की गई हिंसा अभिनन्दनीय नहीं हो सकती। परंतु, दुनिया के जितने भी धर्म हैं, उनमें से किसी के भी धर्मस्थल पर गाय का वध नहीं होता। ईसाई धर्म में गाय को मां माना गया है और इस्लाम में भी गाय के वध को अपराध मानते हैं। ऐसे में क्या हम यह संकल्प नहीं ले सकते कि धरा और मानवता को ऐसे पाप से मुक्त करें। अगर हम मुक्त हो जाएं तो मॉब लिंचिंग जैसी समस्याएं भी हल हो जाएंगी।’
अलवर में शुक्रवार रात को हुई थी घटना
बता दें कि अलवर जिले के रामगढ़ इलाके के गांव लल्लावंडी में शुक्रवार रात स्थानीय लोगों ने अकबर उर्फ रकबर नामक शख्स को गो-तस्कर बताकर पीटना शुरू कर दिया। बाद में रकबर की मौत हो गई। इस घटना की सूबे की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से लेकर केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह तक ने निंदा की थी। राजस्थान सरकार ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का भरोसा भी दिलाया है। इस मामले में चार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हुई है, जबकि तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
पुलिस की कार्रवाई पर खड़े हुए थे सवाल
बता दें कि अलवर में कथित रूप से रकबर खान की पिटाई के मामले में पुलिस की घोर अमानवीयता सामने आई थी। अकबर को 6 किलोमीटर दूर स्थित अस्पताल पहुंचाने में अलवर पुलिस को 3 घंटे लग गए थे। यही नहीं, पुलिस ने गंभीर रूप से घायल खान को सामुदायिक स्?वास्?थ्?य केंद्र पहुंचाने से पहले घटनास्?थल से बरामद दो गायों को गोशाला पहुंचाने को प्राथमिकता दी। अगर अकबर को जल्दी अस्पताल पहुंचाया जाता तो शायद उनकी जान बचाई जा सकती थी।