सीरम इंस्टीट्यूट ने भी मांगी कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की इजाजत

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TIO NEW DELHI

फाइजर के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने भी कोवीशील्ड के इमरजेंसी यूज की अनुमति मांगी है। इसी के साथ सीरम इंस्टीट्यूट देश की पहली स्वदेशी कंपनी बन गई है, जो कोरोना वैक्सीन को मार्केट में लॉन्च करने को तैयार है। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सीरम ने रविवार को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के पास इसके लिए आवेदन किया है। भारत में अब तक 96.73 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं।

वहीं, सीरम के मालिक और सीईओ अदार पूनावाला ने ट्वीट कर कहा, जैसा कि वादा किया गया है, 2020 के अंत से पहले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने पहले मेड-इन-इंडिया वैक्सीन कोविशील्ड के लिए आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के लिए आवेदन किया है।
अधिकृत सूत्रों के मुताबिक, कंपनी ने भारतीय औषध महानियंत्रक (डीसीजीआई) से ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित की गई कोविड-19 (कोरोना वायरस) वैक्सीन कोविशील्ड के उपयोग की अनुमति मांगी है, जिसका उत्पादन पुणे स्थित दुनिया के सबसे बड़े औषधि निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में ही किया जा रहा है।

सूत्रों का कहना है कि कंपनी ने वैक्सीन को जनहित और महामारी के कारण चिकित्सा आवश्यकताओं की पर्याप्त पूर्ति नहीं होने की संभावना जताते हुए अनुमति देने का आग्रह किया है। सूत्रों के मुताबिक, कंपनी के अतिरिक्त निदेशक प्रकाश कुमार सिंह की तरफ से दाखिल आवेदन में वैक्सीन के चार चिकित्सकीय अध्ययनों का हवाला दिया गया है। इनमें से दो ब्रिटेन में किए गए हैं और एक-एक भारत व ब्राजील में हुआ है।

इन अध्ययनों में कोविशील्ड को कोरोना के स्पष्ट लक्षण वाले और खासतौर पर गंभीर संक्रमण वाले मरीजों पर बेहद प्रभावी पाया गया है। साथ ही इसके दुष्प्रभाव भी बेहद कम पाए गए हैं। अपने आवेदन में भी सीरम इंस्टीट्यूट ने इसके उपयोग को सुरक्षित बताया है। इंस्टीट्यूट वैक्सीन के 12 बैच पहले ही कसौली स्थित सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी (सीडीएल) में जांच के लिए जमा करा चुका है। आवेदन में देश के आत्मनिर्भर अभियान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल अभियान का भी हवाला दिया गया है।

ऑक्सफोर्ड की कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड के तीसरे चरण के चिकित्सकीय परीक्षणों को सीरम इंस्टीट्यूट ही भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सहयोग से देश के विभिन्न हिस्सों में पूरा करा रही है। इसके अलावा ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका इस वैक्सीन पर ब्रिटेन और ब्राजील में भी चिकित्सकीय अध्ययन करा रही है।

देश की सर्वोच्च स्वास्थ्य शोध संस्था आईसीएमआर ने पिछले महीने कहा था कि उसकी मदद से वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के परिणामों के आधार पर सीरम इंस्टीट्यूट भारत के लिए वैक्सीन की जल्द उपलब्धता को आगे बढ़ाएगा। आईसीएमआर के मुताबिक, इंस्टीट्यूट इस वैक्सीन की 4 करोड़ खुराक पहले ही निर्मित कर चुका है और डीसीजीआई से इसे स्टोर करने का लाइसेंस भी ले चुका है।

कोरोना वायरस के दैनिक मामलों में गिरावट का सिलसिला जारी है। रविवार को सामने आए 36,011 मामलों की तुलना में, पिछले 24 घंटे में 32,981 नए मामले रिपोर्ट किए गए हैं। वहीं, कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या पहली बार चार लाख से कम हो गई है। दूसरी तरफ, संक्रमणमुक्त मरीजों की संख्या बढ़कर 91 लाख से अधिक हो गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 32,981 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान कोरोना की चपेट में आकर 391 लोगों की मौत हुई है। वहीं, देश में कोविड-19 की वजह से 96,77,203 लोग संक्रमित हुए हैं।