12 साल के बच्ची की कहानी: मां की मौत के बाद बाप ने की दूसरी शादी, सौतेली मां ने रखने से किया इंकार, दादी ने भी घर से निकाला

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देवरिया। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में एक बालिका गृह में लड़कियों के साथ यौन हिंसा और रेप की बात सामने आने के बाद कई कहानियां सामने आ रही हैं। शेल्टर होम में हो रही गतिविधियों की जानकारी पुलिस को देकर अपनी 24 साथियों को बचाने वाली 12 साल की बच्ची ने अपनी कहानी साझा की है। उसने बताया कि दो साल की उम्र में अपनी मां को खोने के बाद से ही उसे लगातार तकलीफ का सामना करना पड़ा है।
The story of a 12-year-old girl: After the death of her father, the second marriage of the father
बिहार में बेतिया की बच्ची ने देवरिया एसपी रोहन पी कनय से बताया कि उसकी मां की मृत्यु के एक साल बाद, उसके पिता ने दोबारा शादी की। उसकी सौतेली मां के उसे रखने से इनकार करने के बाद उसे दादी के पास रहने के लिए भेज दिया गया था। कनय के मुताबिक, उसकी दादी ने उसके नौ साल का होने तक उसकी देखभाल की लेकिन जल्द ही, दादी ने उसे घर से बाहर निकाल दिया, और उसे मां की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया।

जीआरपी जवान को रेलवे पटरियों के पास मिली
सभी रिश्तेदारों द्वारा छोड़े जाने के बाद बच्ची कई दिनों तक घूमती रही। इसके बाद एक जीआरपी जवान ने बिहार के पास एक क्षेत्र में उसे रेलवे पटरियों के पास देखा। वहां से उसे मां विंध्यावासिनी बालिका संस्कार गृह भेजा गया था, जहां वह अगले तीन साल तक रही। रविवार की रात को आश्रय घर से भागने के बाद, वह एक स्थानीय की मदद से महिला पुलिस स्टेशन पहुंची जो वहां से एक किलोमीटर दूर थी। कानय ने कहा कि बच्ची द्वारा शोषण का खुलासा करने के बाद रविवार की रात को बालिका गृह में छापा मारने के लिए एक पुलिस टीम भेजी गई।

बच्ची ने मीडिया को बताया कि उससे बड़ी लड़कियों को शाम चार बजे के करीब मैडम जी (गिरिजा) के साथ कार से कहीं ले जाया जाता और वह अगले दिन सुबह ही वापस आती थीं। उसने पुलिस को बताया कि अलग-अलग रंग जैसे लाल, काली और ग्रे कलर की कारें वहां आती थीं और देखने में महंगी लगती थीं। बच्ची ने बताया, ‘दीदी (बड़ी लड़कियां) जब वापस लौटती थीं तो हमें देखकर रोती थीं। छोटी बच्चियों को वहां फर्श की सफाई और दूसरे काम करने के लिए मजबूर किया जाता। अगर हम उनकी बात नहीं मानते तो अलग-अलग लोग हमें पीटते थे।’