नई दिल्ली: केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा शरिया कोर्ट की स्थापना को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि राहुल जी अंबेडकर की चर्चा करते हैं, गांधी का नाम लेते है पर अंबेडकर और गांधी ने कभी नहीं कहा कि देश को फिर से बांटने के लिए देश में अलग से कोर्ट (शरिया) की स्थापना होगी. ये सब उनके अल्पसंख्यक बुद्धिजीवी बुद्धि से हो रहा है. वहीं शरियत कोर्ट के मुद्दे पर आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के रुख में थोड़ी नरमी आई है, लेकिन बोर्ड अभी भी शरियत कोर्ट खोलने पर अड़ा है.
The Union Minister talked about Rahul Gandhi on the establishment of Sariya Court
आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा कि हमनें कभी भी देश के सभी जिलों में शरियत कोर्ट खोलने की बात नहीं कही. बल्कि हम सिर्फ वहीं शरियत कोर्ट खोलना चाहते हैं जहां इसकी जरूरत है और जहां लोग चाहते हैं कि कोर्ट खुले. उन्होंने कहा कि शरिया बोर्ड कोई कोर्ट नहीं है. बीजेपी-आरएसएस शरियत कोर्ट के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. जफरयाब जिलानी ने कहा कि आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पूरी जिम्मेदारी के साथ काम कर रहा है और जागरूकता के लिए देशभर में वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा. आपको बता दें कि पिछले दिनों ही आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने हर जिले में शरियत कोर्ट खोलने की घोषणा की थी.
वहीं गिरिराज सिंह ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की “हिंदू पाकिस्तान” वाली टिप्पणी को “देश को तोड़ने वाली बात” करार दिया. उन्होंने कहा कि इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए. बेगूसराय जिले में सिंह ने कहा कि राहुल के कहने पर थरूर ने ऐसी बातें कही हैं तो उसके लिए माफी मांगनी चाहिए क्योंकि ये देश को तोड़ने वाली बात है. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पर केरल जाने पर बीफ पार्टी करने का आरोप लगाया. साथ ही कहा कि गुजरात जाने पर वह जनेऊ धारण कर लेते हैं तथा फिर हिंदू समुदाय पर प्रहार करते हैं. यही कांग्रेस का असली चेहरा है.
उधर, बिहार में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने सिंह के राहुल के खिलाफ दिए गए बयान पर एतराज जताते हुए कहा कि क्या उन्हें पता नहीं है कि विभिन्न राज्यों में भाजपा के कई सहयोगी दल के नेता गोमांस खाते हैं। पत्रकारों से बातचीत में रघुवंश ने गिरिराज को ऐसे विवादित बयान देने से बाज आने की नसीहत दी.