नई दिल्ली। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में 10 फीसदी आरक्षण पर संसद की मुहर लग गई है। लोकसभा के बाद राज्यसभा ने भी बुधवार को सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण देने संबंधी 124वें संविधान संशोधन विधेयक को 165 वोटों से पारित कर दिया है।
The upper reservation quota passed in both the houses, if you want to take advantage, then some of these papers should be kept ready.
सदन में बिल को लेकर हुए मतदान में इसके विरोध में 7 वोट पड़े। सरकार ने यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 के तहत किया है जिसकी वजह से राज्यों की विधानसभाओं से इसे पारित कराने की जरूरत नहीं होगी। अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद 10 फीसदी आरक्षण की यह व्यवस्था केंद्र और राज्य की सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में प्रभावी हो जाएगी।
पीएम मोदी ने दोनों सदनों से बिल पास होने को सामाजिक न्याय की जीत बताया है। और कहा कि इससे हमारी युवाशक्ति को अपने कौशल का प्रदर्शन करने और बदलते भारत में अपना योगदान देने का अवसर मिलेगा। इस बिल के पास होने के बाद हर वर्ग के गरीब सवर्ण को आरक्षण का फायदा मिल सकेगा। इसके लिए इस बिल में शर्ते रखी गईं हैं जो यह तय करेंगी कि किसे इस आरक्षण का फायदा मिलेगा और किसे नहीं। अगर आप भी इस श्रेणी में आते हैं तो इसका फायदा लेने कि लिए आपको कुछ कागजात तैयार रखने होंगे।
इन दस्तावेजों की होगी जरूरत
- आधार कार्ड : अगर आप आरक्षण का लाभ लेने वाले उम्मीदवार हैं और अभी तक आधार कार्ड नहीं है, तो आपकी परेशानी बढ़ जाएगी। आधार कार्ड भारतीय नागरिक होने के पहचान के तौर पर दिखाया जाता है। इसे नौकरी में अनिवार्य कर दिया गया है।
- पैन कार्ड : पैन कार्ड भी जरूरी दस्तावेजों की श्रेणी में आता है। अगर आपने अभी तक पैन कार्ड नहीं बनवाया है, तो जल्द ही इसके लिए आवेदन कर दें। वर्तमान में पैन कार्ड सभी नौकरी और सेवाओं के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।
- आय प्रमाण पत्र : चूंकि सामान्य वर्ग को आरक्षण आर्थिक आधार पर मिल रहा है इसलिए आपको माता-पिता की आय दिखानी होगी। इसके लिए आपको माता-पिता का आय प्रमाण पत्र बनवाना होगा। इसके लिए कई राज्यों में आॅनलाइन आवेदन करना होता है।
इन्हें मिलेगा लाभ
– जिनकी सालाना आय आठ लाख से कम हो
– जिनकेपास पांच एकड़ से कम की खेती की जमीन हो
– जिनके पास 1000 वर्ग फीट से कम का घर हो
– जिनके पास किसी नगर निगम में 109 गज से कम अधिसूचित जमीन हो
– जिनके पास किसी नगर निगम में 209 गज से कम की गैर-अधिसूचित जमीन हो
– जो अभी तक किसी भी तरह के आरक्षण के तहत नहीं आते हों
केंद्र और राज्यों दोनों की नौकरियों में मिलेगा : प्रसाद
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रास में चर्चा के दौरान दखल देते हुए कहा कि गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण केंद्र व राज्यों दोनों की नौकरियों में दिया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य आर्थिक रूप से गरीब व इस आरक्षण के पात्र लोगों को चुन सकेंगे। इसी तरह वह चाहें तो शिक्षा व नौकरियों में आरक्षण की पात्रता सीमा सालाना 5 लाख रुपए की आय भी तय कर सकेंगे। केंद्र ने यह सीमा 8 लाख रुपए या इससे कम आय सीमा रखी है।