भोपाल में पूरे परिवार ने सुसाइड किया!:फंदे पर लटके मिले पति-पत्नी के शव; दो बच्चों को जहर देने की आशंका

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भोपाल TIO

भोपाल के रातीबड़ में एक दंपती ने अपने दो बेटों के साथ सुसाइड कर लिया। गुरुवार को दंपती के शव घर में फांसी के फंदे पर लटके मिले। दोनों को जहर देने की आशंका है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें कर्ज का जिक्र है।

रातीबड़ की शिव विहार कॉलोनी में रहने वाले भूपेंद्र विश्वकर्मा (38), उनकी पत्नी रितु ()35, बेटे ऋतुराज (9) और ऋषिराज (3) ने सुसाइड किया है। चार पेज के सुसाइड नोट में लिखा है- मेरे परिवार को माफ कर दें। मैं मजबूर हूं। शायद हमारे जाने के बाद सब अच्छा हो जाएगा। मेरा सभी से यही निवेदन है कि हमारे जाने के बाद मेरे परिवारवालों को लोन के लिए परेशान न किया जाए। न ही किसी रिलेटिव, कलीग को परेशान किया जाए।

मैं अपने पापा जी, मम्मी जी, बाबू जी, अम्मा जी, तीनों बहनों, बड़े भैया, अन्नु दी, दोनों साली… सभी से माफी से माफी मांगता हूं। हमें माफ कर दें। हमारा साथ बस यहीं तक था।

हमारी दूसरी इच्छा है कि हमें सामूहिक दाह संस्कार करें। पोस्टमॉर्टम न किया जाए, ताकि हम चारों साथ रहें।

सॉरी फॉर एवर लिखकर परिवार ने स्माइल करते हुए इमोजी भी बनाई है।

पढ़िए सुसाइड नोट

पेज-1
समझ में नहीं आ रहा क्या करें और क्या न करें, नहीं पता हमारे इतनी सी छोटी सी प्यारी सी family को किसकी नजर लग गई है। हमारे परिवनार के लोगों से हम सबसे हाथ जोड़कर माफी मांगना चाहते हैं। हमसे जुड़े सभी लोग मेरे कारण काफी ज्यादा परेशान हो गए। मेरी एक गलती की वजह से।

हम अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी जी रहे थे, लेकिन अप्रैल के माह में मुझे मेरे फोन पर एक ऑनलाइन काम से वॉट्सऐप पर मैसेज आया। फिर टेलीग्राम पर पुन: ऑफर आया। थोड़े से पैसे एक्स्ट्रा के चलते में और जरूरत के लिए एक्स्ट्रा वर्क करने के लिए एग्री हो गया। जिसके लिए ज्यादा समय भी नहीं देना था।तो मैंने शुरू कर दिया। जिसमें मुझे शुरू में थोड़ा फायदा तो हुआपर धीरे-धीरे एक दलदल में धसने लगा और थोड़ा सा भी समय मिलता तो मैं उस काम को करने लगता था, लेकिन काम का लोड इतना ज्यादा हुआ कि मैं अपने काम के साथ इस काम में लगे पैसों का हिसाब नहीं बना पाया। और इन पैसों का उपयोग भी घर पर नहीं कर पाया था। उसके पहले ही मुझ पर काम का दबाव ज्यादाआने लगा। इस ऑर्डर को कम्प्लीट कर अपने रुके पैसे+कमीशन निकाल को पर ये गलत दलदल था, जहां से निकल पाना मुश्किल था। जब मेरे पास पूरे पैसे खत्म हो गए तो कंपनी वालों ने लोन और अग्रीमेंट का कहने लगे ।मैंने मना किया क्योंकि मेरा सिबिल पहले से खराब था। लोन कहां से मिलता पर कंपनी वालों के कहने पर ट्राय किया तो तुरंत लोन मिलता चला गया जो कि कंपनी में पानी की तरह लगाता रहा।

इस काम को शुरू करने के पहले मैंने वेबसाइट चेक करी थी जो कि ईकॉमर्स बेस्ड कंपनी है। एस पर टीआरपी के लिए काम करवाती है। www.csyonllem.com जो कि 2022 आफ्टर कोविड स्टार्ट कर दिया था, जो कि कोलंबिया की थी, इसके चलते मैंने शुरू कर परंतु पता नहीं था कि इस मोड़ पर आकर खड़े हो जाएंगे कि हमारे पास कोई रास्ता नजर नहीं आएगा।

पेज-2
इस काम की जानकारी न तो मेरे परिवार में किसी को थी और न ही मेरी वाइफ को थी। जब भी देखती तो बस यही कहती कुछ गलत मत करना। मैं मना कर देता। कुछ नहीं, जो कर रहा हूं तुम्हारी खुशी के लिए कर रहा हूं।

लेकिन, मेरी समझ में नहीं आया। मैंने क्या कर डाला। 4 साल पहले जिस कंपनी में था, वो बंद हो गई। इससे मेरा क्रेडिट सिविल खराब हो गया था।

ऑनलाइन जॉब का शिकार होने के बाद मुझे लगा अब थोड़ा सा और, इसके बाद पैसे मिलते ही मैं सब का लोन क्लियर कर ये सब छोड़ दूंगा। लेकिन, मैं समझ नहीं पाया कि इतना सब कुछ हो जाएगा। मुझ पर ऑनलाइन जॉब वालों ने लोन का कर्ज इतना कर दिया कि मैं खुद भी हैरान होता चला गया। मैं समझ गया कि मेरे साथ फ्रॉड हुआ है।

मुझ पर सिर्फ बात-बात पर पैसे का दबाव बनने लगा, जो कि मैंने अपने लिए नहीं लिए। न ही उन पैसों का उपयोग कर पाया। कंपनी के द्वारा लोन ऑफर पर लोन लेकर कंपनी में ही लगा दिया।

जून में लोन का कर्ज इतना ज्यादा होता चला गया कि लोन रिकवरी वालों ने धमकाना शुरू कर दिया। जून में कैसे भी करके ईएमआई पे कर दी। जुलाई में लोन वालों ने मेरा फोन हैक कर उसकी डिटेल निकाल कर मेरे समस्त रिलेटिव्स, फ्रेंड्स, कलीग को ब्लैकमेल करने लगे।

धमकाने लगे कि तुम्हारी फोटो गलत-गलत बनाकर अश्लील फोटो सोशल मीडिया में वायरल कर दूंगा, नहीं तो लोन पे करो। सभी सदस्यों को, परिवार को बदनाम कर दूंगा। यहां तक कि मेरे बॉस की डीपी का मिसयूज करने लगे। इसलिए भी मुझे अंदर से बहुत ज्यादा गिल्टी फील हो रही है।

मेरी एक गलती की सजा मेरे साथ में रहने वाले कनेक्शन सभी को ब्लैकमेल करने लगे हैं।

पेज-3
इसकी समस्त जानकारी देने साइबर क्राइम ऑफिस गया, पर वहां पर अधिकारी न होने के कारण और अवकाश के चलते टल गया।

मैं पुन: आज दिनांक 12 को साइबर ऑफि के लिए निकला। पहले आवेदन बनवाने एडवोकेट से मिला। उन्होंने ड्राफ्टिंग के लिए समय लिया हुआ है, परंतु मैं इस हाल में हूं कि किसी से बात नहीं कर पा रहा, न किसी से नजर मिला पा रहा। आज मैं अपनी ही नजरों में गिर चुका हूं। ये कोई नहीं समझ पा रहा है।

आज नौकरी भी जाने की नौबत आ गई है। मुझे अपना भविष्य और मेरे परिवार का भविष्य नहीं दिखाई दे रहा। मैं अब किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं हूं। मैं अपने परिवार से कैसे नजर मिला पाऊंगा।

मैं बस यही कहता हूं कि अपनी अम्मा जी, बाबूजी, पापा जी, मम्मी जी, भईया-भाभी, मेरी प्यारी बहनों, मेरी प्यारी सी बेटी, मैं तुम सबके सामने कैसे आऊं, नजर कैसे मिलाऊं, सबसे ज्यादा अब इस बात का डर है।

कहीं भविष्य में मेरी बेटी की शादी में कोई परेशानी न आए, इसलिए मैं और वाइफ विद स्मॉल फैमिली, रिशु, किशु किसी को तकलीफ में नहीं छोड़ सकता। इसीलिए उन्हें भी मैं अपने साथ ले जा रहा हूं। सबसे पुन: माफी मांगता हूं।