करोड़ों का मोह छोड़ वैराग्य की राह पर पूरा परिवार, लेगा जैन धर्म की दीक्षा

0
1172

मुंबई। भिवंडी के गोकुलनगर के राकेश कोठारी का पूरा परिवार वैराग्य की राह पर निकल पड़ा है। राकेश कोठारी, उनकी पत्नी सीमा, बेटा मीत और बेटी शैली आज 11 फरवरी को गुजरात के संखेश्वर में जैन धर्म की दीक्षा लेंगे। इन्होंने दीक्षा लेकर जैन धर्म के अनुसार संयमित जीवन जीने का फैसला किया है।
The whole family on the path of resentment, the initiation of Lage Jain religion
उन्होंने पारंपरिक तरीके से बैंड-बाजे के साथ अपने वैराग्य का उत्सव मनाया, जिसमें भारी संख्या में जैन समाज के लोग शामिल हुए। गोकुलनगर स्थित वीर संन्यास वाटिका तक प.पू.पं. श्रीजयभूषण विजयजी म.सा. के मार्गदर्शन में गिरनार भावयात्रा के बाद दीक्षा के लिए विरती वंदना कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

करोबर देखने वाला नहीं होगा कोई
राकेश कोठारी (45) टेक्सटाइल व्यापारी हैं और उनका करोड़ों रुपये का कारोबार है। सीमा कोठारी (43) गृहिणी हैं। उनके बेटे मीत कोठारी (21) हिंदुजा कॉलेज से बीकॉम करने के बाद सीए का कोर्स कर रहे थे। शैली कोठारी (19) एचएससी के बाद धार्मिक शिक्षा ले रही थीं। उन्हें गाने का शौक था और वह इंडियन आयडल में जाना चाहती थीं। इन चारों के दीक्षा लेने के बाद अब राकेश कोठारी के परिवार में उनका कारोबार देखने वाला उनके कोई नहीं रहेगा। उनके घर में भी ताला लग जाएगा।

शाश्वत सुख के लिए
राकेश कोठारी ने एनबीटी को बताया, मैंने जैन धर्म को समझ लिया है। शाश्वत सुख साधू जीवन में ही मिल सकता है। मोक्ष की प्राप्ति दीक्षा लेने में ही है। इसीलिए मैंने दीक्षा लेने का निर्णय किया है। संसार में दुखों को कम करने के लिए मेरे परिवार ने वैराग्य धारण किया है।

वैरागी ने लिया वैराग्य
भिवंडी के अंजुरफाटा की वैरागी तातेड़ (21) ने भी वैराग्य ले लिया है। महावीर चौक स्थित महावीर रेजीडेंसी में रहने वाली वैरागी भी 11 फरवरी को दीक्षा लेंगी। कॉलेज की पढ़ाई कर चुकी वैरागी ने 2013 में पालीताना में चातुर्मास भी किया था।