अलग-अलग विचारधारा वाले लोगों के बीच भी निरंतर संंवाद होना चाहिए: PM मोदी

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तिरुवनंतपुरम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि अलग-अलग विचारधारा वाले लोगों के बीच निरंतर संवाद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सामान्य जीवन में अलग-अलग धाराओं वाले लोगों के बीच इतनी विनम्रता होनी चाहिए कि वे एक-दूसरे के नजरिए को सुन सकें।

मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केरल के कोच्चि में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा- मैं यहां एक ऐसे मंच पर हूं, जहां हो सकता है कि बहुत सारे लोगों के विचार मुझसे मेल न खाते हों। लेकिन, निश्चित तौर पर यहां ऐसे बहुत से विचारवान लोग होंगे, जिनकी सृजनात्मक आलोचना को मैं बेहद ही खुशी से सुनना चाहूंगा।

 

“युवाओं की नाम बनाने की क्षमता मायने रखती है”
मोदी ने कहा, “यह नया भारत है जहां युवाओं का सरनेम मायने नहीं रखता, बल्कि अपना नाम बनाने की उनकी क्षमता बनाने मायने रखती है। नए भारत में चीजें बेहतर के लिए बदल रही हैं और अब भ्रष्टाचार का कोई स्थान नहीं है। यह नया भारत है, जहां भ्रष्टाचार कोई विकल्प ही नहीं है।”

“राजनेताओं को अलग विचारों वाले मंचों पर भी जाना चाहिए”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब वह अपने जैसे विचार वाले लोगों के साथ होते हैं तो वह खुश होते हैं, लेकिन उनका मानना है कि व्यक्तियों और संगठनों के बीच उनके विचारों से इतर लगातार चर्चा होनी चाहिए। लोगों को अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलना चाहिए और दूसरे लोगों के विचारों को सुनना चाहिए। उन्होंने कहा कि आमतौर पर ऐसी धारणा है कि राजनेता ऐसे मंचों को प्राथमिकता देते हैं, जहां की विचारधारा उनकी विचार प्रक्रिया से मेल खाती हो। राजनेताओं को भी विभिन्न विचारों का समर्थन करने वाले मंचों पर जाना चाहिए।

‘व्यक्तिगत उम्मीदें नए भारत का उत्साह’
मोदी ने कहा कि नए भारत का उत्साह युवाओं की व्यक्तिगत उम्मीदें, एक साथ किए गए प्रयास और राष्ट्रीय प्रगति के लिए स्वामित्व प्राप्त करने की भावना है। छोटे शहरों और बिना किसी मजबूत आर्थिक पृष्ठभूमि से आने वाले युवा अपनी उम्मीदों को बेहतर परिणामों में बदलकर राष्ट्र का गौरव बढ़ा रहे हैं। चाहे यह स्टार्टअप हो या स्पोर्ट, भारत ऐसे क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है जिन क्षेत्रों में पहले हमारी उपस्थिति न के बराबर थी।

‘परमिट राज और लाइसेंस राज से आगे निकल चुके हैं हम’
उन्होंने कहा कि भारत की नई आर्थिक संस्कृति के कारण आज हम लाइसेंस राज और परमिट राज से आगे निकल चुके हैं। मैंने हमेशा कहा कि हम बढ़ें या नहीं, बदलें या नहीं, देश काफी तेजी से बदल रहा है और यह बदलाव अच्छे के लिए है। आज देश में स्टार्टअप का एक नया इको सिस्टम विकसित हो रहा है। हमें खेल के मैदान पर भी एक नया उत्साह नजर आ रहा है।