राजकुमार केसवानी जी को जानने वाले उनके मिजाज़ को भी जानते है

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अरूशी संस्थान

राजकुमार केसवानी जी को जानने वाले उनके मिजाज़ को भी जानते है । जो तय कर लिया, उससे कोई उन्हें हिला नहीं सकता, अपनी शर्तों पर जिया ये शख़्स और क्या कमाल का जिया ।
केसवानी जी और अरुषि का रिश्ता कुछ अलग सा था, जहाँ बाहर वो सबके लिए सख़्त थे, हमारे लिए बहुत मुलायम । हमें याद नहीं हमने किसी काम के लिए बोला हो और उन्होंने मना किया हो, लेकिन गुस्सा उनका इस बात पर होता था, यार, ये काम मैं कर सकता था तो दूसरे से क्यों करवाया ?

उनकी हर अदा सबसे अलग थी । उन्हें याद किया जाएगा, उनका सख़्तपन भी और मुलायमपन भी ।

अलविदा केसवानी सर ।