TIO, New Delhi
असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का सोमवार को निधन हो गया। वे 86 साल के थे। उन्हें अगस्त में कोरोना हुआ था। वे एक बार ठीक हो चुके थे, लेकिन पोस्ट कोविड कॉम्पलिकेशन से जूझ रहे थे। गुवाहाटी के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में उन्होंने शाम 5 बजकर 34 मिनट पर आखिरी सांस ली। वे तीन बार असम के मुख्यमंत्री रहे।
गोगोई इंदिरा गांधी के समय 1971 में पहली बार लोकसभा सांसद बने थे। राजीव गांधी के समय वे 1985 से 1990 तक कांग्रेस के महासचिव रहे। पीवी नरसिंहराव के समय वे 1991 से 1996 तक खाद्य और खाद्य प्रसंसकरण मंत्रालय में राज्यमंत्री रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने उनके निधन पर शोक जताया।
तरुण गोगोई का रविवार को 6 घंटे तक डायलिसिस किया गया था, लेकिन शरीर में फिर से टॉक्सिन जमा हो गए। इसके बाद उनका शरीर इस स्थिति में नहीं था कि दोबारा डायलिसिस किया जा सके। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने उनके निधन को एक युग का खत्म होना करार दिया।
तरुण गोगोई 2 नवंबर से अस्पताल में भर्ती थे। शनिवार को हालत बिगड़ने पर वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा। 25 अगस्त को उन्हें कोरोना संक्रमण का पता चलने पर अगले दिन गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था। कोरोना के चलते दूसरे कॉम्पलिकेशन होने की वजह से उन्हें 2 महीने अस्पताल में रखने के बाद 25 अक्टूबर को छुट्टी दी गई थी।
गोगोई का जन्म 11 अक्टूबर 1934 को हुआ था। वे 2001 से 2016 तक असम के मुख्यमंत्री रहे। गोगोई ने कांग्रेस को लगातार तीन विधानसभा चुनावों में जीत दिलाई। सबसे लंबे समय तक असम का मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है।
गोगोई कुल 6 बार लोकसभा के लिए चुने गए। वे 1971 से 1985 तक तीन बार जोरहट से सांसद रहे। उसके बाद 1991-96 और 1998-2002 के दौरान कालीबोर के सांसद रहे। अभी इस सीट से उनके बेटे गौरव गोगोई सांसद हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गोगोई के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि उन्होंने असम के लोगों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।