TIO NEW DELHI
आज साल का आखिरी दिन है। 2020 को इस उम्मीद के साथ अलविदा कहना है कि जल्द ही हमें सदी की सबसे बड़ी महामारी से भी मुक्ति मिलेगी। आंकड़े भी इस उम्मीद को बढ़ा रहे हैं। सबसे अहम हैं एक्टिव केस, यानी जिन मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें 27 नवंबर से लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। इन 34 दिनों में 1.98 लाख एक्टिव केस कम हुए हैं। ये 2.55 लाख रह गए हैं, यानी हर दिन औसतन 5 हजार 825 केस कम हुए। 17 सितंबर को ये 10.17 लाख के पीक पर थे।
देश में बीते 24 घंटे में 21 हजार 944 केस आए और 26 हजार 406 मरीज ठीक हो गए।
वहीं कोरोना संक्रमण के चलते अब तक 18.12 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इस बीच, ब्रिटेन में सामने आया कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन चिंता का कारण बना हुआ है। देश में छह लोगों में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई है। ये लोग हाल ही में ब्रिटेन की यात्रा कर देश लौटे हैं। कोरोना के नए स्ट्रेन के संक्रमण को रोकने के लिए देश को छह रीजिन में बांटा गया है ताकि हाल ही में विदेश से लौटे सभी यात्रियों और उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान की जा सके।
देश में ब्रिटेन से आए नए कोविड स्ट्रेन संक्रमण मिलने की छह मरीजों में पुष्टि हुई है। कोरोना संक्रमण के नए स्ट्रेन को रोकने के लिए देश को छह भागों में बांटा गया है ताकि हाल ही में विदेश से लौटे यात्रियों और उनके संपर्क आए लोगों का पता लगाया जा सके। इसके अलावा अन्य सैंपल का जीनोम स्किवेंसिंग किया जा रहा है।
दस क्षेत्रीय प्रयोगशाला आनुवांशिक रूप से उन सभी सकारात्मक नमूनों को अनुक्रमित करेंगी, जिनकी आरटी-पीसीआर जांच में जिन मरीजों में वायरस की मात्रा (सीटी वैल्यू) 30 या उससे कम रही है। 30 उससे कम सीटी वैल्यू वाले मरीजों के गले/नाक के स्वाब नमूनों में उच्च वायरस के होने की संभावना बढ़ जाती है। बता दें कि 24 से ज्यादा सीटी वैल्यू वाले मरीजों की अन्य लोगों में संक्रमण फैलाने की संभावना काफी कम है, लेकिन इन मरीजों को भी सभी सावधानी बरतने की जरूरत है। सीटी वैल्यू ज्यादा होने का यह मतलब नहीं है कि मरीज कोविड के सुरक्षा नियमों का पालन न करें और सावधानी बरतना छोड़ दे।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय निगरानी इकाई (सीएसयू) को हाल ही में देश के महानगरों में खासकर विदेश से लौटने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों के नमूनों की जांच करने को कहा गया है। इस दौरान कोरोना के यूके वैरिएंट या किसी अन्य गंभीर म्यूटेशन के बारे में पता चलता है, तो उन नमूनों को आरसीबी फरीदाबाद या एनआईवी पुणे जांच के लिए भेजा जाएगा। इससे दैनिक कोविड जांच प्रक्रिया में सुधार होगा।
कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के कारण लोगों की चिंताएं बढ़ी है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि वायरस का ये स्ट्रेन काफी तेजी से फैलता है और लोगों को जल्दी संक्रमित करता है। इसके म्यूटेशन से वायरस के उन हिस्सों में बदलाव देखने को मिला है, जो इंसान की कोशिकाओं पर असर डालते हैं। कुछ म्यूटेशन के कारण वायरस की इंसानी कोशिकाओं को संक्रमित करने की क्षमता बढ़ जाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन 70 फीसदी ज्यादा संक्रामक है