सबरीमाला में आज परीक्षा का दिन, हिंदू संगठनों ने महिला पत्रकारों से कहा- दूर रहें

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सबरीमाला। भगवान अयप्पा का मंदिर विशेष पूजा के लिए सोमवार को कुछ घंटों के लिए खुलने जा रहा है। संवेदनशीलता को देखते हुए वहां पहले से ही पुलिस के कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। पिछले महीने हर उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश देने के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। सरकार ने बताया कि 2300 पुलिसकर्मियों को मंदिर के आसपास तैनात किया गया है, जिनमें 20 सदस्यीय कमांडो टीम और 100 महिलाएं शामिल हैं।
Today in the examination day in Sabarimala, Hindu organizations told women journalists – stay away
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जरूरत पड़ने पर सर्कल निरीक्षक और उपनिरीक्षक रैंक की 30 महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा, जिनकी उम्र 50 वर्ष से अधिक होगी। वहीं आंदोलन कर रहे कई हिंदू संगठनों ने मीडिया संगठनों से इस मुद्दे को कवर करने के लिए महिला पत्रकारों को न भेजने की अपील की है। वीएचपी और हिंदू ऐक्यवेदी समेत दक्षिणपंथी संगठनों के संयुक्त मंच सबरीमाला कर्म समिति ने यह अपील जारी की है। पिछले महीने महिला पत्रकारों से बदसलूकी और वाहनों में तोड़फोड़ के घटनाक्रम को देखते हुए संपादकों को लिखे पत्र में समिति ने कहा कि इस आयु वर्ग की महिलाओं के अपने काम के सिलसिले में मंदिर में प्रवेश करने से स्थिति और बिगड़ सकती है।

मंदिर का कार्यक्रम
मंदिर सोमवार को शाम पांच बजे विशेष पूजा ‘श्री चितिरा अट्टा तिरूनाल’ के लिए खुलेगा और उसी दिन रात 10 बजे बंद हो जाएगा। तांत्री कंडारारू राजीवारू और मुख्य पुजारी उन्नीकृष्णन नम्बूदिरी मंदिर के कपाट संयुक्त रूप से खोलेंगे और श्रीकोविल (गर्भगृह) में दीप जलाएंगे। इसके बाद 17 नवंबर से तीन महीने लंबी वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए दर्शन के लिए फिर से खोला जाएगा।

कोलकाता में काली पूजा पंडाल में महिलाओं के प्रवेश पर रोक
कोलकाता में भी पूजा-स्थल में महिलाओं के प्रवेश पर रोक का मामला सामने आया है। यहां 34 साल से चली आ रही पंचकूंडा काली पूजा के पंडाल में महिलाओं के प्रवेश पर रोक है। चेतला प्रदीप संघ की कार्यकारिणी के सदस्य गंगाराम शॉ ने इसकी पुष्टि की है। शॉ ने बताया कि पहली बार जब यहां पूजा हुई थी, ये प्रतिबंध तब से ही जारी है।

समिति के दूसरे सदस्य मनोज घोष ने कहा कि बतौर आयोजक हम महिलाओं को पूजा में शामिल करना चाहते हैं लेकिन फैसला हमारे हाथ में नहीं है, हम वही करते हैं जो हमें तांत्रिक बताते हैं। हालांकि, तारापीठ के तांत्रिक ने महिलाओं के प्रवेश पर रोक को लेकर हैरानी जताई। 81 वर्षीय मूलमंत्रा रॉय ने कहा कि मैं यहां सबसे उम्रदराज पुजारी हूं। मेरा मानना है कि ऐसा कोई नियम नहीं है जिसमें महिलाओं के प्रवेश पर रोक हो।