तोगड़िया ने मोदी पर साधा निशाना: कहा डेढ़ गुना नहीं हुई किसानों के फसलों की कीमत

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नई दिल्ली: विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व नेता प्रवीण तोगड़िया ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है. इस बार उन्होंने खरीफ और अन्य फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा. तोगड़िया ने संवाददाताओं से कहा कि 162 किसान संगठन अगस्त में किसानों की मांग के समर्थन में कश्मीर से कन्याकुमारी तक मार्च निकालेंगे. उन्होंने दावा किया कि एमएसपी में वृद्धि लागत मूल्य के मुकाबले डेढ़ गुना नहीं हुई है, जैसा कि सरकार दावा कर रही है, क्योंकि किसानों के लागत मूल्य को कम करके आंका गया है. गौरतलब है कि इससे पहले भी प्रवीण तोगड़िया ने मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाया था.
Togadia aims at Modi’s target: Farmers’ crops do not be multiplied
उन्होंने कुछ महीने पहले ही आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार ने अयोध्या, काशी और मथुरा में मंदिर निर्माण के लिये कानून नहीं बनाया. तोगड़िया ने कहा था कि मोदी सरकार ने अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिये अब तक कुछ नहीं किया. केन्द्र की भाजपा सरकार ने अयोध्या, काशी और मथुरा में मंदिर निर्माण के लिये कानून ना बनाकर करोड़ों हिन्दुओं के साथ छल किया है. अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद का गठन करने वाले तोगड़िया ने कहा था कि उन्होंने खुद राम मंदिर सम्बन्धी कानून का मसविदा तैयार किया है. चूंकि सरकार अन्य कार्यों में बहुत व्यस्त है इसलिये उसे इस कानून को संसद में पारित कराना चाहिये.

उन्होंने कहा कि आज वह अयोध्या जाकर इस मसविदे को रामलला के चरणों में रखेंगे. अक्तूबर में वह और उनके संगठन के लोग लखनऊ से अयोध्या तक ह्यअयोध्या मार्चह्य निकालेंगे. उन्होंने कहा था कि कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिये जनता की तरफ से आवाज उठायी जाएगी. वह मंदिर निर्माण के मसविदे पर हस्ताक्षर अभियान के तहत 20 करोड़ हिन्दुओं का समर्थन प्राप्त करेंगे. उसके बाद इसे मोदी सरकार के पास भेजा जाएगा, ताकि उसे संसद में पारित कराया जाए. उन्होंने कहा कि हमें ह्यसबका साथ, सबका विकासह्य पर विश्वास नहीं है बल्कि हिन्दू विकास ही हमारा नारा है.

तोगड़िया ने कहा कि उनके संगठन की टीम नयी है लेकिन तेवर वही पुराने हैं। यह संगठन देश-विदेश की सभी जातियों, व्यवसायों, भाषाओं, राज्यों, पंथों तथा लिंग के हिन्दुओं के धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक अधिकारों के लिये काम करेगा.