800 किमी के रेलवे ट्रैक पर 24 घंटे तैनात होंगे ट्रैक मैन

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जबलपुर

प्रदेश के कई जिलों में हुई भारी बारिश का असर ट्रेनों पर दिखने लगा है। भारी बारिश की संभावना को देखते हुए रेलवे अलर्ट हो गया है। जबलपुर मंडल की सीमा में आने वाले तकरीबन 800 किमी के रेलवे ट्रैक और खतरनाक पुलों की सुरक्षा के लिए पेट्रोलमेन को जीपीएस देकर निगरानी में लगाया गया है, लेकिन बारिश और सुनसान इलाकों में नेटवर्क न होने की वजह से जीपीएस भी काम नहीं कर पा रहे हैं। वहीं मुंबई के बदलापुर की घटना से सबक लेते हुए ट्रैक पर पानी भरने की स्थिति में ट्रेनों को न चलाने के निर्देश दिए गए हैं।

जबलपुर मंडल की सीमा के रेलवे ट्रैक पर बने 7 पुल पर भी 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है। इधर खतरनाक पुलों में इंजीनियरिंग विभाग ने फ्लड लेवल सिस्टम लगाया है, ताकि जल स्तर बढ़ते ही रेलवे को इसकी जानकारी लग जाए और ट्रेनों को पुल से गुजरने से पहले रोक दिया जाए। इंजीनियरिंग विभाग ने बीना-कटनी खंड में कोपरा नदी, बर्मी नदी, जबलपुर-इटारसी खंड में नर्मदा, तवा नदी, कटनी-सिंगरौली खंड में महांडी के अलावा हिरण, निवार नदी के रेलवे ब्रिज पर फ्लड सिस्टम लगाए गए हैं।

इंजन में सवार होकर पटरियों पर नजर रख रहे एसएसई

इंजीनियरिंग विभाग को पटरियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। इसके लिए न सिर्फ आधुनिक सिस्टम से बारिश में नजर रखी जा रही है, बल्कि पैसेंजर और माल गाड़ियों के इंजन में इंजीनियरिंग विभाग के एसएसई सवार होकर पटरियों की जांच कर रही है। आपातकालीन स्थिति से निबटने के लिए सेक्शन में क्रेन और दूसरी मशीनों को भी तैयार रखा गया है।

ट्रेन प्रोटेक्शन वर्निंग सिस्टम
पटरियों पर इन्हें लगाया गया है। इसकी मदद से पटरियों पर बारिश के पानी के लेवल पर नजर रखी जा रही है।

ट्रैक जीपीएस
24 घंटे पटरियों की सुरक्षा में लगाए गए ट्रैकमेन को जीपीएस दिए गए हैं। उन्हें बारिश की पूरी किड देकर सुरक्षा में लगाया गया है।

एलईडी सिग्नल|
बारिश के दौरान सिग्नल न दिखने की परेशानी को दूर करने के लिए एलईडी सिग्नल लगाए गए हैं, ताकि ड्राइवर को सिग्नल दिखें।