ट्रैफिक नियम प्रावधान जब ज्यादा प्रभावशाली जब हम मनुष्यो की पहले रक्षा व अस्तित्व सुनिश्चित कर सकें: स्वामी शैलेशानन्द गिरी

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TIO Exclusive, स्वामी शैलेशानन्द गिरी

ट्रैफिक नियम प्रावधान जब ज्यादा प्रभावशाली जब हम मनुष्यो की पहले रक्षा व अस्तित्व सुनिश्चित कर सकें। “गाय हमारी माता है” फीर क्यों “सड़क पर छोड़ आता है”। नियम बने की सड़क, राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग पर यदि टोल लेवे तो गाय न हो कोई पशु न हो। सड़क हादसे रफ्तार से ही होते हैं यह आवश्यक नहीं।

मप्र गौशालाओ में मृत्यु देख चुका हूं, दिल्ली से इंदौर हर सप्ताह सड़क मार्ग से जाता हूं। कई बार स्वयम बचा हूं. क्या उन पशुओं के मालिकों(?) पर कार्यवाही, सड़क प्राधिकरण, जिला पंचायत नगर निगम , शासन प्रशासन आदि अपनी नाकामी पर न्यायालय में दण्ड देगा?? आम जनों को पांच साक्षियों के साथ ऐसे स्थानों पर पंचनामा बनाने का अधिकार व दण्ड न्यायिक दिलवाने की पात्रता न्यायालय देगा?

स्वामी शैलेशानन्द गिरी हमेशा सच के पक्ष धर रहे हैं। सामाजिक चीजों को लेकर बड़ी बेबाकी से अपने विचार राय रखते हैं। जबकि इस देश मैं गाय पर कोई नहीं बोलता। स्वामी शैलेशानन्द गिरी हमेशा द इंडियन आब्जर्वर से जुड़े रहे हैं। हमेशा अपने विचार शेयर करते रहते हैं। देश विदेश में उनके हमेशा लेक्चर होते हैं. देश के पढ़े लिखे संतो में से एक हैं।