ट्रांसपोर्टरों और महाराष्ट्र स्कूल बस एसोसिएशन की हड़ताल से थमी मुंबई

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मुंबई। भले ही दुग्ध उत्पादकों ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया हो, लेकिन मुंबई की जनता को एक और परेशानी से जूझना पड़ रहा है। आॅल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) और महाराष्ट्र स्कूल बस असोसिएशन की हड़ताल ने आम लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। करीब 8,000 स्कूल बसें सड़क से नदारद हैं और अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने में पैरंट्स को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
Transporter and Maharashtra School Bus Association strike from Mumbai
आम लोगों के लिए सबसे ज्यादा परेशानी बढ़ाने की बात आॅल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) की अनिश्चितकालीन हड़ताल है। हड़ताल से रोजमर्रा की चीजें की किल्लत होने की संभावना है। इससे दूध, अनाज, सब्जियां जैसी जरूरत की चीजें महंगी हो सकती है। इस हड़ताल से प्रतिदिन करीब 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका है। दोनों संगठन यह हड़ताल पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग को लेकर कर रहे हैं।

स्कूल बस असोसिएशन का पक्ष
गुरुवार को स्कूल बस असोसिएशन की ओर से जारी किए गए बयान में बताया गया कि बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने वाले सभी आॅपरेटर्स इस हड़ताल में शामिल होंगे। पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने वाले मुख्य मुद्दे पर आॅल इंडिया ट्रांसपोर्ट असोसिएशन के समर्थन में एक दिन की हड़ताल की जा रही है।

स्टूडेंट्स को पैदल ही स्कूल जाना पड़ा
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के अलावा इसके दामों को हर 6 महीने में तय करना, स्कूल बसों की चैसिस पर उत्पाद शुल्क हटाना, स्कूल बसों को टोल-फ्री करना, बसों के लिए बीमा प्रीमियम की कीमतें कम करना, फिटनेस प्रमाणपत्र प्रक्रिया को सरल बनाना और आरटीओ द्वारा निरीक्षण बंद करना (क्योंकि स्कूल बस सुरक्षा समिति द्वारा निरीक्षण होता है) जैसी मांगें स्कूल ऐंड कॉ बस ओनर असोसिएशन द्वारा रखी गई है।

जरूरी वस्तुएं हड़ताल से बाहर
एआईएमटीसी की अनिश्चितकाल देशव्यापी हड़ताल के दौरान जरूरी वस्तुओं को हड़ताल के दायरे से बाहर रखा जाएगा। एआईएमटीसी के अध्यक्ष बाल मिल्कित सिंह के अनुसार, गुरुवार को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से बैठक में हमने एक बार फिर अपनी मांगें रखीं। उन्होंने समय मांगा गया, लेकिन हम सरकार को पहले भी भरपूर समय दे चुके हैं। इसीलिए शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल तय है।