वॉशिंगटन। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में तनाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच वर्तमान हालात को बहुत ही खराब और खतरनाक बताया है। शुक्रवार को ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार दोनों देशों के संपर्क में है और उन्हें उम्मीद है कि कश्मीर घाटी में अशांति की स्थिति जल्द ही खत्म होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने इस हमले में करीब 50 जवानों को खोया है और वह बहुत सख्त कदम उठाने की सोच रहा है। ओवल आॅफिस में ट्रंप ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ‘इस वक्त भारत और पाकिस्तान के बीच बहुत-बहुत खराब हालात हैं। एक बेहद खतरनाक स्थिति। हम यह तनाव की स्थिति जल्द खत्म होते देखना चाहते हैं। बहुत सारे लोगों को मार दिया गया है। हम चाहते हैं कि यह फौरन बंद हो। हम इस प्रक्रिया पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए हैं।’
Trump spoke on the Pulwama attack, said- India is thinking of taking strict action against Pak
‘भारत बहुत सख्त कदम की सोच रहा’
अमेरिकी राष्ट्रपति पिछले हफ्ते पुलवामा में हुए आतंकी हमले के सिलसिले में पत्रकारों के सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-मोहम्मद ने ली थी। इसके बाद जैश के आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के 5 जवान शहीद हो गए थे। दोनों देशों की सरकारों से बातचीत का जिक्र करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘भारत बहुत सख्त कदम उठाने की सोच रहा है। भारत ने करीब-करीब 50 लोगों को इस हमले में खो दिया है। मैं भी इसे समझ सकता हूं।’
बहुत ही नाजुक मोड़ पर हालात: ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘हम इस पर चर्चा कर रहे हैं। बहुत से लोग बात कर रहे हैं। यह बहुत ही नाजुक स्थिति की ओर जाता दिख रहा है। जो भी हुआ है उसकी वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच बहुत सी समस्याएं खड़ी हो गई हैं।’ राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को सुधारा है और पाकिस्तान के नेताओं और अधिकारियों के साथ बैठक की तैयारी की जा रही है। ट्रंप ने कहा, ‘मैंने पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर की मदद रोक दी जो हम उन्हें पहले देते रहे थे। मौजूदा हालात में हम पाकिस्तान के साथ कुछ बैठकें आयोजित करने की तैयारी में हैं। दूसरे राष्ट्रपतियों के कार्यकाल में पाकिस्तान को अमेरिका से काफी लाभ मिला है। हम पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर सालाना मुहैया कराते थे। मैंने यह भुगतान रोक दिया क्योंकि वे हमारी उस तरह से मदद नहीं कर रहे थे जैसी उन्हें करनी चाहिए।’