MP के दो बैंकों पर 200 करोड़े की धोखाधड़ी का आरोप

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TIO BHOPAL

मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित दो बैंकों की शिकायत पर CBI ने बड़ा छापा मारा. मामला दो फर्मों के 200 करोड़ रुपये के लोन से जुड़ा है. दोनों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन लिया और बाद में उनके खाते NPA हो गए. एक मामले में तो फर्म के संचालकों के गुजरात स्थित ठिकानों पर भी छापे मारे गए हैं.

इनमें भोपाल के दो बैंकों में 200 करोड़ का फर्जीवाड़ा सामने आया है। बैंक ऑफ बड़ौदा में ज्योति पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा 196 करोड़ के फर्जी लोन मामले में एफआईआर दर्ज की थी। इसके साथ ही इंडियन ओवरसीज बैंक से फर्जी दस्तावेजों से 4 करोड़ के लोन मामले में सीबीआई ने कार्रवाई की है।

सीबीआई सूत्रों के मुताबिक भोपाल के बैंक ऑफ बड़ौदा से ज्योति पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड के संचालक कमलेश और संजय नेमानी ने 196 करोड़ रुपए का लोन लिया था। इसके दस्तावेजों की जांच के बाद सीबीआई ने अहमदाबाद में 4 और राजकोट में 1 ठिकाने पर छापेमारी की है। वहीं इंडियन ओवरसीज बैंक से सिद्धपाल सिंह भदौरिया की कंपनी ने प्रॉपर्टी के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 4 करोड़ का लोन लिया था। इंडियन ओवरसीज बैंक ने सीबीआई से इसकी शिकायत की थी।

इन शिकायतों के आधार पर जांच एजेंसी ने सिद्धपाल सिंह के भोपाल और निवाड़ी में पैतृक आवास पर छापेमारी की है। इसके साथ ही तत्कालीन बैंक मैनेजर सतीश चंद्र अग्रवाल के आवास की सर्चिंग किए जाने की बात सामने आ रही है। बता दें कि सीबीआई ने बैंक से की गई धोखाधड़ी की शिकायतों पर गुरुवार को देश भर के 11 राज्यों में छापेमारी की है। भोपाल में की गई कार्यवाही भी इसी का हिस्सा है।

लोन लिया और बाद में हो गया एनपीए
सीबीआई के मुताबिक कई कंपनियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंकों से करोड़ों रुपए का लोन लिया था, बाद में इन कंपनियों के खाते एनपीए हो गए। एनपीए बैंक का वह कर्ज है जो डूब गया है और जिसकी रिकवरी की उम्मीद न के बराबर हो उसे एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) कहा जाता है। इस संबंध में आईओबी, यूबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी, एसबीआई, आईडीबीआई, केनरा बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया आदि बैंक शामिल हैं। सीबीआई ने जिन शहरों में छापे मारे उनमें कानपुर, गाजियाबाद, मथुरा, नोएडा, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरू, त्रिपुर, हैदराबाद, जयपुर, श्रीगंगानगर, भोपाल, निवाड़ी, करनाल, अहमदाबाद, सूरत, राजकोट आदि शामिल हैं।

डिजिटल दस्तावेज भी बरामद किए
सीबीआई के मुताबिक छापेमारी के दौरान विभिन्न दस्तावेज और अन्य सामग्री/डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए हैं। सीबीआई ने बताया कि विभिन्न बैंकों से कई शिकायतें मिली हैं, जिसमें धोखाधड़ी, लोन डिफॉल्ट, ऋण/क्रेडिट सुविधा प्राप्त करते समय फर्मों द्वारा फर्जी/जाली दस्तावेज प्रस्तुत करना आदि जैसे आरोप लगाए गए हैं।