उद्धव ने पीएम पर बोला तीखा हमला, कहा-हम जनता के सपनों को पूरा करने के लिए लड़ रहे हैं

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मुंबई। लोकसभा सीटों की संख्या के लिहाज से दूसरे सबसे बड़े राज्य महाराष्ट्र में बीजेपी और सहयोगी शिवसेना के बीच तनाव और मतभेद इस हद तक बढ़ गए हैं कि दोनों के गठबंधन का भविष्य खतरे में है। आम चुनावों में अब सालभर से भी कम वक्त है लेकिन दोनों गठबंधन साझीदार 2 कट्टर प्रतिद्वंद्वियों की तरह व्यवहार कर रहे हैं।
Uddhav spoke on the PM, Tarka assault, said- we are fighting to fulfill the dreams of the people
शिवसेना ने जहां सोमवार को अपने मुखपत्र सामना में पीएम नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है, वही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी रविवार को कार्यकतार्ओं से अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी करने को कह चुके हैं। सामना में उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह ‘मोदी के सपनों के लिए नहीं, आम आदमी के सपनों के लिए लड़ रहे हैं।’ ठाकरे ने यह भी कहा कि शिकार तो वही करेंगे, लेकिन इसके लिए वह दूसरों की बंदूक का इस्तेमाल नहीं करेंगे।

पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना के विरोध को लेकर पूछे एक सवाल के जवाब में उद्धव ठाकरे कहा, ‘मैं मोदी के सपनों के लिए नहीं बल्कि मेरे देश की आम जनता के सपनों के लिए लड़ रहा हूं। पहले वह मुंबई के हीरा व्यापारियों को गुजरात ले गए। एयर इंडिया को भी हटा दिया गया। मुंबई के कितने लोगों को बुलेट ट्रेन से अहमदाबाद जाने की त्वरित आवश्यकता है इसकी बजाय नागपुर को मुंबई से बुलेट ट्रेन से जोड़ दिया जाए।’

अविश्वास प्रस्ताव के दौरान बीजेपी के साथ विश्वासघात के सवाल पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना किसी के साथ विश्वासघात नहीं करती है। सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव चंद्रबाबू नायडू लाए थे, शिवसेना नहीं जबकि चंद्रबाबू खुद लोकसभा और राज्य का चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर लड़े थे।’ बीजेपी के साथ सत्ता में बने रहने के सवाल पर ठाकरे ने कहा कि वे इसका इस्तेमाल जनता के हित के लिए कर रहे हैं।

अब समझ आने लगी है चाणक्य नीति: ठाकरे
उन्होंने कहा कि सरकार में रहकर उनकी पार्टी बीजेपी पर अंकुश लगा रही है। उद्धव ने हाल ही में हुए उपचुनावों में पार्टी की करारी हार पर कहा कि दाम, दाम, दंड और भेद के कारण वे चुनाव हार गए। उन्होंने इशारों ही इशारों में बीजेपी पर भी हमला बोला। उद्धव ने कहा, ‘खुद को जो चाणक्य समझते हैं, उनकी नीति अब सभी को समझ आने लगी है। इसका अध्ययन करने के बाद शिवसेना अपनी आगे की रणनीति बनाएगी।’ उन्होंने मुंबई में छत्रपति शिवाजी के प्रतिमा की ऊंचाई कम करने पर भी सवाल उठाए।

बता दें कि हाल ही संसद में विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव के दौरान केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए में शामिल शिवसेना ने किसी को वोट नहीं दिया था। महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ खराब रिश्तों के कारण बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। बीजेपी के सामने सबसे बड़ा संकट यह है कि महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव से पहले उसे लोकसभा के चुनावों का सामना करना है।