संतों को पद देने के बाद सीएम से खुश हुईं उमा, कहा- पद ठगों को नहीं बल्कि संतों को दिया

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भोपाल। चुनावी साल में एक के बाद एक गमार्ते मुद्दों से परेशान प्रदेश सरकार ने पांच संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है। केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने सीएम शिवराज के इस निर्णय की तारीफ की है। उन्होंने शिवराज सरकार के इस निर्णय से प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल हो गई है।

इस मामले में भी विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश सरकार पर हमला बोल दिया है। कांग्रेस के इस विरोध की निंदा करते हुए केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि मंत्री का दर्जा विपक्ष या किसी ठग को नहीं, बल्कि संतों को दिया गया है। कुछ समय से उमा भारती भी प्रदेश में संतों को सम्मान न मिलने से प्रदेश सरकार से काफी नाराज चल रही थीं, लेकिन शिवराज के इस निर्णय के बाद काफी खुश नजर आ रही है।

मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने शिवराज सिंह के संत समाज को ध्यान में रखते हुए लिए गए इस निर्णय की सराहना की है। उन्होंने कहा कि भारतिय संस्कृति ने हमेशा संतों का सम्मान किया है। यह दर्जा विपक्ष और ठगों को नहीं बल्कि संतों को दिया है। मैं शिवराज सिंह चौहान की प्रशंसा करती हूं और इसका विरोध करने वाली कांग्रेस की निंदा करती हूं।

धार्मिक नेताओं को राज्यमंत्री का दर्जा देने के बाद संत समाज को खुश करने वाली सरकार कांग्रेस के विरोध का भी सामना कर रही है। साथ ही अब चर्चा हो रही है कि चुनावी साल में लिया गया यह निर्णय उन संतों को खुश करने के लिए गया है जो सरकार के खिलाफ नर्मदा आंदोलन को लेकर मोर्चा खोलने वाले थे।

इन पांच संतों को राज्यमंत्री का दर्जा देने का मामला कोर्ट तक पहुंच गया है। सरकार के इस फैसले खिलाफ एक जनहित याचिका हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में दायर की गई है। इस याचिका में पूछा गया है कि संतों को राज्य मंत्री का दर्जा देने की संवैधानिक वैधता क्या है और क्या वे इस पद के योग्य हैं ?