खास बातें
- अमेरिका ने कहा कि कश्मीर पर उसकी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है।
- एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कश्मीर पर तीसरा पक्ष नहीं कर सकता हस्तक्षेप।
- महासचिव ने कहा कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है।
वर्ल्ड डेस्क
कश्मीर पर तीसरा पक्ष नहीं कर सकता हस्तक्षेप
महासचिव ने शिमला समझौते की याद दिलाई
गुटेरेस ने सभी पक्षों से ऐेसे कदमों को उठाने से बचने का भी आह्वान किया है जिससे जम्मू कश्मीर की स्थिति प्रभावित हो सकती है। उनकी यह टिप्पणी पाकिस्तान के उस फैसले के बाद आई है जिसमें उसने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर कर दिया और द्विपक्षीय व्यापार भी निलंबित कर दिया। यह पूछे जाने पर कि क्या महासचिव की योजना कश्मीर मुद्दे को सुरक्षा परिषद में उठाने की है, दुजारिक ने जवाब दिया, ‘मुझे ऐसी किसी योजना की जानकारी नहीं है।’ साथ ही उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री से मिले पत्र को उनके अनुरोध पर सुरक्षा परिषद के पास भेज दिया गया है।
यह पूछने पर कि क्या महासचिव को लगता है कि कश्मीर में स्थिति पर किसी विशेष दूत के जरिए करीबी नजर रखने की जरूरत है, दुजारिक ने कहा, ‘महासचिव स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र सचिवालय निकटता से स्थिति पर नजर रख रहा है लेकिन मेरे पास विशेष दूत के बारे में बताने के लिए कुछ भी नहीं है।’
कश्मीर पर नीति में कोई बदलाव नहीं आया है : अमेरिका
अमेरिका की नीति यह रही है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है और दोनों देशों को ही इस मुद्दे पर बातचीत की गति और गुंजाइश को लेकर फैसला करना है। ओर्टागस ने एक और सवाल के जवाब में कहा, ‘अगर नीति में कोई बदलाव हुआ तो निश्चित तौर पर मैं यहां घोषणा करुंगी लेकिन ऐसा नहीं है।’
उन्होंने कहा कि अमेरिका कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता का समर्थन करता है।